विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर भाजपा बिसरख मण्डल ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एकमूर्ति से इटेडा गोलचक्कर तक मौन जुलूस निकाला गया I 14 अगस्त की संध्या को निकले इस जलूस मे भाजपा मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया के नेतृत्व में विशेष तौर पर गौतमबुद्ध नगर जिलाध्यक्ष विजय भाटी, पूर्वांचल जिलाध्यक्ष मनोहर शुक्ला उपस्थित रहे।
इस अवसर पर रवि भदोरिया ने लोगो को बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त, 2021 को घोषणा की थी कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में मनाया जाएगा।
सैंकड़ो की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मौन रहकर एकमूर्ति चौक, चेरी कॉउंटी पुलिस चौकी से इटेडा गोलचक्कर तक देश के विभाजन विभीषिका पर हाथ में तिरंगा लेकर जुलूस निकाला और अखंड भारत का संकल्प लिया।
जुलूस में महामंत्री जीतू सैन, उपाध्यक्ष दिनेश बेनीवाल, देवराज नागर, रमन प्रकाश, डीके जयसवाल, भानु प्रताप सिंह, बीनू चौहान, संगीता तिवारी, ज्योत्स्ना सिंह, आशीष दुबे, प्रमोद श्रीवास्तव, कुणाल शर्मा, विपिन सिंह, हिमांशु तिवारी आदि रहे
क्या है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की प्रष्ठ भूमि ?
ब्रिटिश शासन से मुक्ति के साथ ही भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अस्तित्व में आया था। धर्म के आधार पर भारत के विभाजन के पश्चात बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएँ हुई, जिसके कारण लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और असंख्य लोग हिंसा में मारे गये। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
भारत का विभाजन अभूतपूर््व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की दर््दनाक कहानी है। यह एक ऐसी कहानी हैए जिसमें लाखों लोग अजनबियों के बीच एकदम विपरीत वातावरण में नया आशियाना तलाश रहे थे।
विश्वास और धार््ममिक आधार पर एक हिंसक विभाजन की कहानी होने के अतिरिक्त यह इस बात की भी कहानी है कि कै से एक जीवन शैली तथा वर्षषों पुराने सह.अस्तित्व का युग अचानक और नाटकीय रूप से समाप्त हो गया। लगभग 60 लाख गैर.मुसलमान उस क्षेत्र से निकल आएए जो बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया। 65 लाख मुसलमान पंजाबए दिल्लीए आदि के भारतीय हिस्ससों से पश्चिमी पाकिस्तान चले गए थे।
20 लाख गैर.मुसलमान पूर्वी बंगालए जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बनाए से निकल कर पश्चिम बंगाल आए। १९५० में 20 लाख और ग़ैर मुस्लमान पश्चिम बंगाल आए। दस लाख मुसलमान पश्चिम बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गए। इस विभीषिका में मारे गए लोगों का आं कड़ा 5 लाख बताया जाता है। लेकिन अनुमानतः यह आं कड़़ा पाँच से १० लाख के बीच है।