राम मंदिर नहीं अंबेडकर को याद करेगी भाजपा

लखनऊ। राममंदिर के जाप के बजाए इस बार भाजपा बाबरी विध्वंस की बरसी छह दिसंबर पर डा. बीआर अंबेडकर को याद करेगी और दलित बस्तियों में सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। शिवसेना भी इस वर्ष विजय दिवस न मनाकर राममंदिर को भव्यता देने का संकल्प लेगी। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल इस बार शौर्य दिवस न मनाकर जिलों में हिंदू सम्मेलनों पर ही ध्यान लगाए हुए हैं।
केंद्र में सरकार बनाने के बाद भाजपा ने राममंदिर मुद्दे पर अपना नजरिया भी बदला है। भाजपा अब छह दिसंबर को राममंदिर निर्माण की टेर नहीं लगाएगी, वरन संगठन विस्तार के लिए दलित-प्रेम का इजहार करेगी और बाबा साहब डा. अंबेडकर का महानिर्वाण दिवस मनाएगी। भाजपाई दलित बस्तियों में पहुंच कर सदस्यता अभियान चलाएंगे। वोट बैंक का गणित साधने पर जोर रहेगा। सामाजिक समरसता कायम करने का मकसद ‘मिशन -2017’ कामयाब करना माना जा रहा है।
भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक के मुताबकि, राममंदिर स्थापित होने के बारे में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां भी सदन में सच्चाई स्वीकार चुके हैं और अब मंदिर को भव्यता प्रदान करना बाकी है। पाठक ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने का अभियान गति पकड़े है। छह दिसंबर को दलित बस्तियों में विशेष अभियान चलाने का कार्यक्रम तय है। इसे वोटबैंक से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
दूसरी ओर, शिवसेना का रुख भी बदला हुआ है। शिवसेना इस बार छह दिसंबर को सभी जिलों में महाआरती करेगी, जबकि पहले इस दिन विजय दिवस मनाया जाता था। शिवसेना के प्रदेश प्रमुख अनिल सिंह ने बताया कि इस बार राममंदिर निर्माण का संकल्प लिया जाएगा और सभी जिलों में हनुमान मंदिरों में महाआरती होगी।
उधर, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ता भी छह दिसंबर को शौर्य दिवस न मनाकर स्वर्ण जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित हो रहे जिला हिंदू सम्मेलनों पर ध्यान लगाए हुए हैं। महामंत्री चंपत राय ने बताया पूरे देश में जिलेवार हिंदू सम्मेलनों की श्रृंखला जारी है और छह दिसंबर को भी कई स्थानों पर सम्मेलन होंगे।