ग्रेटर नोएडा में 10 साल के बच्चे पर पिडबुल का हमला, मुंह पर काटा
ग्रेटर नोएडा के देवता गांव में शनिवार को पालतू पिटबुल कुत्ते ने 10 वर्ष के बच्चे पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया इसके बाद अस्पताल में बच्चे के चेहरे पर सर्जरी कराई गई घटना के बाद बच्चे के पिता ने कुत्ते के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कराया है
पुलिस के अनुसार बच्चे के पिता नागेंद्र ने कोतवाली में शिकायत दी है कि उसके पड़ोसी अमन और विक्की ने एक पिटबुल पाल रखा है शनिवार को बेटा अंश गली से जा रहा था कि अचानक कुत्ते ने बेटे के चेहरे पर बुरी तरह हमला कर दिया । पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा । आपको बता दे बीते माह भी दादरी में एक मासूम बच्चे को पिटबुल ने हमला कर बहुत घायल कर दिया था और उसके पैर का पूरा मांस निकाल लिया था
शहर में कुत्ता पालने के लिए नहीं है कोई कानून, कोई लाइसेंस प्रक्रिया,कोई वार्षिक शुल्क
ग्रेटर नोएडा में फालतू और आवारा कुत्तों के पालने को लेकर कोई लाइसेंस और नियम अभी तक प्रभाव में नहीं आया है नोएडा अथॉरिटी ने जरूर इस पर प्रक्रिया शुरू करी थी मगर उस पर भी ₹1000 की फीस होने के बाद तमाम कुत्ता प्रेमी संगठन सामने आ गए थे जिनको उस फीस को चुकाने में परेशानी थी ग्रेटर नोएडा में लगातार लोग इसको लेकर आवाज उठाते रहे हैं मगर तमाम प्रयासों के बावजूद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इस पर कोई एक्शन नहीं लेती है हालत यह है कि पिटबुल जैसे कुत्ते को पालने के लिए अमेरिका में प्रतिबंध है मगर भारत में इस मामले पर कोई गाइडलाइन जारी नहीं है अधिकांश जगह एनिमल वेलफेयर के नाम पर सिर्फ आम आदमी को प्रताड़ित करने के नियम है
मेडिकल कंपनियों और कुत्ता प्रेमी संगठनों का है सिंडीकेट
तमाम लोग इस मामले पर कुत्ता काटने के इंजेक्शन और बाकी दवाइयां प्रोवाइड करने वाले मेडिकल कंपनियों और कुत्ता प्रेमी संगठन जिनको आमतौर पर अब लोग गैंग कहते हैं के बीच सांठगांठ बताते है । नोएडा में कुत्ता प्रेमी गैंग के अत्याचारों के खिलाफ मुहिम चला रहे हो सरदार जोगिंदर सिंह कहते हैं अस्पताल और हेल्थ इंडस्ट्री का एक कड़वा सच यह भी है अब मरीज के लाने की संभावनाओं पर कमीशन तय होता है ऐसे में जितने ज्यादा लोगों को पालतू या आवारा कुत्ते काटेंगे उतना ज्यादा इन कंपनियों का बिजनेस बढ़ेगा और तथाकथित समर्थकों का कमीशन । उनके खिलाफ भी कई बार कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ जाकर भी इन लोगों ने हरकतें की है लेकिन पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद यह बच सके।