आतंकी कसाब की मटन बिरयानी पर बड़ा खुलासा

26/11 के मुंबई हमले में शामिल रहे पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब के जेल में मटन बिरयानी मांगे जाने की बात पूरी तरह से मनगढ़ंत थी। आतंकियों के एक पक्ष की ओर से उसके पक्ष में बनाई जा रही ‘भावनात्मक लहर’ को रोकने के लिए बिरयानी मांगने की बात कही गई थी। कसाब को नवंबर 2012 में फांसी दी गई थी।
मामले से जुड़े सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने शुक्रवार को जयपुर में कहा कि कसाब ने बिरयानी नहीं मांगी थी और सरकार ने कभी उसे बिरयानी नहीं परोसी।
उन्होंने कहा कि मैंने यह मनगढ़ंत बात कसाब के पक्ष में भावनात्मक माहौल को खत्म करने के लिए कही थी। निकम यहां आतंकवाद से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे।उन्होंने कहा कि कसाब इस बात से अच्छी तरह वाकिफ था कि मीडिया उसकी हर गतिविधि को बारीकी से देख रहा है। एक दिन कोर्ट रूम में वह अपना सिर झुका कर आंखें पोंछने लगा। कुछ ही देर बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने खबर चला दी कि कसाब की आंखों में आंसू।
यह रक्षा बंधन का दिन था, मीडिया में पैनल चर्चाएं होने लगीं। निकम ने कहा कि कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि कसाब अपनी बहन को याद करके भावनात्मक हो गया और कई कहने लगे कि कसाब आतंकी है या नहीं।
उसके पक्ष में इस प्रकार की भावनात्मक लहर को रोकना जरूरी था। इसके बाद मैंने मीडिया में कहा था कि कसाब ने जेल में मटन बिरयानी की मांग की है। मेरे इस बयान के बाद मीडिया में फिर पैनल चर्चा शुरू हो गई कि इतना खूंखार आतंकी मटन बिरयानी मांग रहा है।