नोएडा महानगर कांग्रेस में तमाम दावेदारों के बीच लड़की हूं लड़ सकती हूं कि नारे के साथ पंखुड़ी पाठक को टिकट तो दे दिया गया है मगर पार्टी में उनके टिकट को लेकर बाकी लोगों की नाराजगी सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगी है हालात यह है कि पंखुड़ी पाठक के आवास पर तो खूब ढोल नगाड़े बजे मगर उनके अलावा टिकट मांग रहे बाकी उम्मीदवारों ने या तो बधाई नहीं दी या फिर दादरी प्रत्याशी के बधाई संदेशों को और फोटो को डालना शुरू किया हुआ है । सोशल मीडिया पर दिखाई दे रही अपने साथी कांग्रेसी साथियों नाराजगी को समापत करना पंखुड़ी पाठक के लिए बड़ी समय बन रहा है इनके बाद ही वो पंकज सिंह को चुनौती दे पाएंगी ।
आपसी मतभेद और प्रत्याशी के खिलाफ काम करने की पुरानी परंपरा है कांग्रेस में
दरअसल नोएडा में कांग्रेस संगठन में आपसी मतभेद और एक दूसरे के खिलाफ काम करने की परंपरा नई नहीं है पहले भी पैराशूट प्रत्याशियों के खिलाफ स्थानीय संगठन लगातार उनके खिलाफ काम करता रहा है और कांग्रेस की हार का कारण बनता रहा है 2019 में आपसी मतभेद स्तर तक थे कि कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद सिंह के लिए तब कांग्रेस में अपना बड़ा कद रखने वाले विक्रम सेठी ने मीटिंग के बीच में कह दिया था कि यह प्रत्याशी हार जाएगा चुनाव के बाद विक्रम सिटी को धीरे-धीरे पार्टी में किनारे कर दिया गया उससे पहले तमाम विरोध के बाद रमेश चंद तोमर को 2014 में टिकट दिया गया था जो ऐन मौके पर पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे । यह नहीं इससे पहले 2012 में डॉ बीएस चौहान को टिकट क्लियर होने के बाद तत्कालीन महानगर अध्यक्ष और वर्तमान भाजपा से प्रत्याशी कृपाराम शर्मा ने कार्यालय से ही धक्के मार कर बाहर निकाल दिया था वो भी संगठन के सहयोग ना अकारण के कारण हार गए थे। ऐसे में पंखुड़ी पाठक अपने नाराज साथियों को कितना मना पाएगी और भाजपा के मजबूत किले को भेजने में कितना सफल हो पाएंगे आने वाले दिनों में पता लगेगा
1.25 लाख वोट से ज्यादा वोटो का दावा है पंखुड़ी का
पंखुड़ी पाठक की दावेदारी को लेकर एनसीआर खबर ने कुछ माह पहले जब उनके पति अनिल यादव से विस्तृत बातचीत की थी तो उन्होंने बताया था कि ब्राह्मण,यादव, दलित, मुसलमान, पहाड़ी, और शहरी फोटो के मिश्रण से वह सवा लाख से ज्यादा वोटों का दावा आसानी से पार कर लेंगे। हालांकि शहरी वोट बैंक के चार लाख लोगों तक वह कितना पहुंच पाएंगे यह अब बड़ा सवाल है भाजपा की जीत में सबसे बड़ा हिस्सा शहरी मतदाता का है और कॉन्ग्रेस हो या अन्य कोई विपक्षी पार्टी दोनों ही इस पहेली को सुलझाने में अभी तक नाकाम रहे हैं
ब्राह्मण मतदाता फिलहाल कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक और बसपा से वर्तमान प्रत्याशी और पूर्व कांग्रेसी नेता कृपाराम शर्मा के कारण निश्चित तौर पर दोनो तरफ दिखेगा ऐसे में अगर समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मण को टिकट दे दे तो यह और कमजोर हो जाएगा माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी आप किसी वैश्य प्रत्याशी को टिकट दे सकती है समाजवादी पार्टी से अभी तक वैश्य दावेदारों के रूप में शैलेंद्र वर्णवाल और गौरव सिंघल जैसे नाम ही पार्टी में दिखाई देते हैं हालांकि भाजपा के एक बड़े कद के नेता के बार-बार समाजवादी पार्टी में आने की अफवाह चल रही है लेकिन यह धरातल पर उतर पाएगा इसकी संभावना कम ही है ऐसे में इस वक्त शैलेंद्र वर्णवाल या गौरव को पार्टी से टिकट दे देगी या फिर कोई ब्राह्मण ही है इस सीट पर किस्मत आजमा आएगा यह भी अभी साफ होना बाकी है ।