main newsउत्तर प्रदेशभारतलखनऊ

उत्तर प्रदेश में कायस्थों को ओबीसी में शामिल करने की बात से भड़का कायस्थ समाज, ओबीसी में शामिल किया तो चुनावो में दिया जाएगा ज़बाब

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कायस्थों को ओबीसी जातियों में शामिल किए जाने की जानकारी पर कायस्थ समाज ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है । सोशल मीडिया पर कायस्थों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ऐसा ना करने को कहा है। कायस्थ चिंतक अंबुज सक्सेना ने इसको कायस्थ समाज के खिलाफ साजिश बताया है उन्होंने कहा कि हम सवर्ण जातियों में रहे है और वही हमारे लिए सही जगह है । कायस्थों को ओबीसी में शामिल करने की कोई भी साजिश हमारे अस्तित्व के साथ खिलवाड़ समझा जाएगा

वहीं देहरादून से कायस्थ समाजसेवी डा ज्योति श्रीवास्तव ने भी भाजपा से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज का हमारा स्वर्णिम इतिहास है हम भगवान चित्रगुप्त के वंशज है देवपुत्र है हम ओबीसी नही हों सकते है, हमारे इतिहास को झुठलाया नहीं जा सकता है । समाज को अपमानित करने का परिणाम सत्तारूढ़ दल को आने वाले चुनावों में भी नुकसानदायक हो सकता है हमने कभी आरक्षण या कायस्थ समाज को ओबीसी में शामिल करने की मांग नहीं की है अगर कोई कायस्थ गरीब है तो उसको आर्थिक आरक्षण में लाभ मिल सकता है इसलिए इस विचार का विरोध पूरे देश में का समाज करेगा

वरिष्ठ पत्रकार अतुल श्रीवास्तव ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कायस्थ समाज के कश्मीर से लेकर बंगाल तक कई जगह शासन किया है मुगल और ब्रिटिश काल से ही कायस्थ प्रशासनिक कार्यों में संलग्न रहे हैं ऐसे में किस आधार पर ओबीसी में इनको लाने जा रहे है ।

कायस्थों की प्रमुख आवाज कहे जाने वाले कायस्थ खबर के प्रबंध संपादक आशु भटनागर ने भी इसको समाज के प्रति एक साजिश बताया है 18 वीं सदी में भी ऐसे ही साजिश कायस्थों के खिलाफ की गई थी जिसके खिलाफ कोर्ट में भी याचिका दी गई और कोलकाता में उस फैसले में भी कायस्थों को वापस सवर्ण वर्ग में ही रखा गया । ऐसे में अगर जरूरत पड़ेगी तो एक बार फिर से कोर्ट के दरवाजे खटखटा जाएंगे

NCRKhabar Mobile Desk

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button