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रक्षा बंधन पर महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा, पर गौतम बुध नगर में साल भर से बंद एनएमआरसी की बस सेवा से कैसे जाएंगी नोएडा ग्रेटरनोइडा वेस्ट की महिलाए

रक्षाबंधन पर प्रदेश की महिलाओं को तोहफा देते हुए सरकार ने घोषणा की है कि उस दिन महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा जारी रहेगी लेकिन इस घोषणा का उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली गौतम बुध नगर में कोई मतलब नहीं है क्योंकि यहां की लोकल बस सर्विस नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के जिम्मे थी जिसको कोरोना की आड़ में साल भर पहले ही बंद किया जा चुका है । ऐसे में नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच में रहने वाले लोगों की समस्याएं पहले ही बढ़ी हुई है कभी नोएडा एक्सटेंशन के नाम से बेचे गए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के लिए आने-जाने के नाम पर ओला और उबर की कार सर्विस इसके अलावा स्थानीय ट्रांसपोर्ट जीरो है

ऐसे में रक्षाबंधन के दिन फ्री बस सर्विस की घोषणा कम से कम इस जिले के लोगों के लिए किसी मजाक से कम नहीं है आपको बता दें कि नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कि जब भी स्थापना की गई थी तभी बताया गया था कि यह खाली मेट्रो नहीं चलाएगी बल्कि मेट्रो के साथ फीडर बसें और स्थानीय ट्रांसपोर्ट सर्विस भी संचालित करेगी उसके बाद कुछ साल तक लो फ्लोर एसी बसो को नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और नोएडा के 7x जैसे हाई राइज सोसाइटी वाले सेक्टरों में चलाया गया लेकिन मई 2020 मैं करो ना के नाम पर इन बसों को बंद किया गया उसके बाद से आज तक कोई सुध नहीं ली गई है

नोएडा में स्थानीय ट्रांसपोर्ट की समस्याओं को लेकर नोएडा के विधायक पंकज सिंह और दादरी के विधायक तेजपाल नागर दोनों ही उदासीन दिखाई देते हैं । दोनो ही भाजपा की योजनाओं का प्रचार करते तो नजर आते हैं मगर शहरी लोगों की समस्या खासतौर पर ट्रांसपोर्ट की समस्या पर कोई हल नहीं दे पाए हैं आपको बता दें कि एनएमआरसी की चेयरमैन नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ही हैं लेकिन लेकिन नोएडा को बेहतर तरीके से संचालित करने का दावा करने वाली ऋतु महेश्वरी एनएमआरसी को क्यों नहीं संचालित कर पा रही हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है ।

नोएडा के अधिकारियों की प्राथमिकता में नहीं है बेहतर ट्रांसपोर्ट, शिक्षा और स्वस्थ

दरअसल नोएडा ग्रेटर नोएडा के जन्म के साथ ही यहां बनी अथॉरिटी के अधिकारियों की प्राथमिकता में कभी भी स्थानीय ट्रांसपोर्ट बेहतर सरकारी शिक्षा और बेहतर सरकारी स्वास्थ्य नहीं रहा है नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा दोनों ही अथॉरिटी ओं के अधिकारी हमेशा कॉलोनाइजर की तरह काम करते नजर आते हैं जिनका काम प्लॉटिंग करके मकान बेच देना है । जिले में गांव के सरकारी स्कूल के बाद चार अर्ध सरकारी बोर्डिंग स्कूल पूर्व मायावती की पहल पर खुले एक चाइल्ड पीजीआई मायावती की पहल पर खुला और एक अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर खुला । लेकिन अधिकारियों की सरकार कहीं जाने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारी निरंकुश हो चुके हैं जिनको आम जनता की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं है थोड़ी सी बारिश में कल से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कें पानी से भरी हुई है लोगों ने भारी टैक्स देकर यहां अपने घर और सोसाइटी में फ्लैट खरीदे हैं मगर आज भी लोगों के पास शिक्षा स्वास्थ्य और ट्रांसपोर्ट जैसी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है पेरिस से तुलना करने वाले नोएडा के हालात देश के किसी गांव से भी ज्यादा बदतर है

NCRKhabar Mobile Desk

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