नोएडा 7X की सोसाइटी में AOA चुनावो को लेकर प्रशासन से हुई मीटिंग और उसके बाद AOA को माफिया कहने के मामले पर फेडेरेशन ऑफ नोएडा & ग्रेटर नोएडा अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन FONAA के पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी सुहास एलवाई से मुलाकात की ।
इस बातचीत में AOA पदाधिकारियों डीएम से एक तरफा मीटिंग के आयोजन पर सवाल उठाए उन्होंने बताया उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों के अधीन सोसाइटीज में चल रहे हैंडओवर की प्रक्रिया को रोकने के लिए कुछ लोग गैर पंजीकृत संगठन बनाकर सोशल मीडिया कैंपेन चला रहे है और इसी के दबाव में प्रशासन ने बुधवार एक पक्षीय मीटिंग की जिसके बाद तथाकथित संगठन ने इसी मीटिंग का हवाला देते हुए वर्तमान AOA को माफिया करार दिया
FONAA के साथ हुई इस मीटिंग में एडीएम दिवाकर सिंह के साथ जिलाधिकारी ने मीटिंग के एक पक्षीय होने पर आश्चर्य जताया और उसका एक पक्षीय होना अनुचित बताया सात ही एडीएम को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसा न हो।
जिलाधिकारी ने कहा कि AOA को माफिया कहना गलत है और प्रशासन ने ऐसा कभी नहीं कहा है । इसके साथ ही बिल्डर के खिलाफ AOA के संघर्ष की तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी पिछले 1.5 वर्ष से AOA की सकारात्मक भूमिका लगातार बनी हुई है । एडीएम दिवाकर सिंह ने फोना के डेलिगेशन को 7 जुलाई को हुई मीटिंग में शामिल एडीसीपी कुमार रणविजय सिंह से भी मिलने का निर्देश दिया । जिसके बाद FONAA के डेलिगेशन ने एडीसीपी कुमार रणविजय सिंह से मुलाकात की और 7 जुलाई को हुई मीटिंग का हवाला देकर मीडिया में वर्तमान AOA के बारे छपी अपमानजनक खबरों जिसमे AOA को माफिया कहा गया उसका विरोध जताया ।
कुमार रणविजय सिंह ने FONAA डेलिगेशन को बताया लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न उत्पन्न हो इसलिए 7 जुलाई की मीटिंग बुलाई गई थी तथा कहा कि UP Apartment Act के अनुसार सोसाइटीज में AOA के चुनाव को लेकर निर्णय डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय मेरठ को ही लेना है
FONAA के डेलिगेशन ने रणविजय सिंह को इस सब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न होने के लिए असल कारण बिल्डर द्वारा सोसाइटीज का हैंडओवर की प्रक्रिया को रूकवाने का षडयंत्र बताया जिसके सबूत के तौर पर AOA को मिले हाई कोर्ट और नोएडा अथॉरिटी के विभिन्न आदेश दिए जिनका अनुपालन बिल्डर नहीं कर रहे हैं । FONAA द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का बहुत गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कुमार रणविजय सिंह एडीसीपी ने आश्वासन दिया कि सोसाइटीज के हैंडओवर के मामले में तुरंत कार्यवाही शुरु की जायेगी