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मोदी कैबिनेट में नहीं मिली जगह : क्या दशकभर की सफल राजनीति के बाद उतरने लगा है सांसद डा महेश शर्मा की राजनीति का रंग

मोदी कैबिनेट के विस्तार की खबरों के साथ ही गौतमबुद्ध नगर में सांसद डा महेश शर्मा के समर्थक भी सोशल मीडिया पर एक बार फिर से उन्हे मंत्री मंडल में जगह देने के लिए मुहिम चलाने लगे थे। लगातार शहर की ब्राह्मण लाबी दावे कर रही थी कि अबकी बार बस शर्मा जी मंत्री बनने ही वाले है । कल सुबह से जब एक के बाद एक कई मंत्रियों के इस्तीफे शुरू हुए तो इन बातो को खूब हवा दी गई लेकिन शाम 5 बजते बजते एक बार फिर साफ हो गया कि नोएडा की राजनीति में कभी अपना दबदबा रखने वाले सांसद डा महेश शर्मा को मंत्री नही बनाया गया हैं।

क्या घट रहा है भाजपा में डा महेश शर्मा का कद

मंत्रिमंडल के नए विस्तार में डॉक्टर महेश शर्मा के मंत्री ना बनने के बाद शहर में जहां एक और शर्मा जी के समर्थकों में मायूसी छा गई व उनके विरोधी सक्रिय हो गए हैं भाजपा और भाजपा के अलावा दोनों ही जगह विरोधियों ने नोएडा की राजनीति में डॉक्टर महेश शर्मा के कद के घटने की भविष्यवाणियां कर दी है ।

समाजवादी पार्टी नोएडा महानगर उपाध्यक्ष शैलेंद्र बरनवाल ने जहां इसका कारण शर्मा जी के अपने अस्पतालों में ज्यादा ध्यान देना बताया है उन्होंने @NCRKHABAR और अन्य मीडिया को टैग करके लिखा सांसद के अस्पताल में कारनामे हो रहे हैं जांच चल रही है ऐसे में भी कोई मंत्री पद की लालसा कैसे रख सकता है । तो कई लोगों का यह भी कहना है की कोरोना के समय जिस तरीके से डॉक्टर साहब के काम ना करने के खिलाफ नोएडा में भाजपा समर्थकों की ही आवाज उठी उसके बाद प्रदेश भाजपा और राष्ट्रीय भाजपा दोनों ही जगह डॉ महेश शर्मा का कद घट गया है इन अफवाहों को तब भी बल मिला था जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा अस्पतालों के ऑडिट के मामले पर सख्त रुख अपनाए जाने की चर्चाएं बाहर आई थी तभी से माना जा रहा था कि डॉ महेश शर्मा भाजपा के अंदर उतने कद्दावर नेता नहीं रह पा रहे हैं जो एक दशक पहले माने जाते थे

कोरोना से पहले भी लोगो ने उठाए है कई बार सवाल

लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ कोरोना काल में ही लोगों ने डॉ महेश शर्मा के सांसद होते हुए काम ना करने पर सवाल उठाएं विपक्ष के अलावा भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी डॉ महेश शर्मा की राजनीति का विरोध लगातार रहा है नोएडा में तमाम लोगों की शिकायतें रही कि डॉक्टर साहब ने नोएडा के अंदर कभी किसी सरकारी स्कूल है सरकारी अस्पताल लाने की कोशिश ही नहीं करी लगातार शहर में अपने अस्पतालों को आगे बढ़ाते रहें एक सांसद के तौर पर लोगों की अपेक्षा उनके लिए सड़क के सरकारी स्कूल सरकारी अस्पताल और बेहतर कानून व्यवस्था देने की थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं

काम के नाम पर कह देते थे कि मोदी जी ने बहुत काम दिया है

कहते हैं वक्त पलटता है तो अच्छे भले आदमी की खूबियां भी कमियां हो जाती हैं अपने चढ़ते वक्त में डॉक्टर साहब के पास कई मंत्रालयों का भार था । ऐसे में जब भी लोग उनके पास काम के लिए जाते थे तो लोगों से कहते थे कि मोदी जी ने उनको बहुत सारे काम दिए हुए हैं इसलिए लोगों से मिलने का और काम करने का उनके पास वक्त नहीं है । जिसके कारण 2019 में लोगों ने डॉक्टर साहब की गौतम बुध नगर से टिकट देने पर तमाम सवाल उठाए ऐसे में माना जाता है कि अगर मोदी लहर नहीं होती तो शायद भाजपा की जीत का रिकॉर्ड टूट चुका होता

शहर में खुश है डा महेश शर्मा के विरोधी

बहराल कारण जो भी रहे हो लेकिन डॉक्टर महेश शर्मा के मंत्री ना बनने से भाजपा ने उनके विरोधियों की बांछें खिल गई है जिले में सांसद बनने का सपना देख रहे कुछ नेताओं और उनके समर्थकों ने लगातार कल से ही कैंपेन चलाना शुरू कर दिया है और दूसरी ओर डॉ महेश शर्मा की पूरी ब्राह्मण लाबी चुप्पी साधना शुरू हो गई है । वही बहुत सारे समर्थक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने समीकरण दूसरे तरीके से बदलने शुरू कर दिए हैं । जानकारी के अनुसार जिले की ब्राह्मण राजनीति भाजपा में अब एक नए नेता के इर्द-गिर्द सिमटने लगी है । ऐसे में भाजपा मैं 2022 के चुनाव तक जिले का असली खिलाड़ी कौन निकल कर आएगा यह देखने वाली बात रहेगी

NCRKhabar Mobile Desk

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