पीएम नरेंद्र मोदी ने कोपनरोना संकट को लेकर देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज भी देश इससे लड़ रहा है। केंद्र सरकार राज्यों से वैक्सीनेशन खरीदने की प्रक्रिया को वापस लेगी और पूरे देश के लिए 21 जून से 18 वर्ष से ऊपर लोगों के लिए फ्री वैक्सीनेशन सुविधा देगी
पीएम ने देश को बताया कि अप्रैल में कुछ राज्यों ने वैक्सीन की पालिसी का विक्रेंद्री करण करने की मांग की । मई के दूसरे हफ्ते एक अच्छी बात रही कि समय रहते राज्य पुनर्विचार की मांग के साथ फिर आगे आए। राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि देशवासियों को तकलीफ न हो। सुचारु रूप से उनका वैक्सीनेशन हो। इसके लिए 16 जनवरी से अप्रैल अंत वाली व्यवस्था को फिर लागू किया जाए। आज ये फैसला लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25% काम था, उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था दो हफ्ते में लागू की जाएगी।’
केंद्र सरकार खुद राज्य सरकारों को वैक्सीन देगी इसके साथ ही केंद्र सरकार निजी अस्पतालों को वैक्सीन लगाने की छूट देगी लेकिन वह कीमत से अधिकतम ₹150 ही अस्पताल चार्ज ले सकते हैं। आपको बता दें कि अस्पतालों ने सोसाइटी में आकर कैंप लगाकर वैक्सीन लगाने के लिए ₹200 तक हैंडलिंग चार्ज ले लिया था जिसका नोएडा , ग्रेटर नोएडा के समाजसेवियों ने बहुत विरोध किया था
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर का पीक देखा, जिसमें हमने बड़ी संख्या में लोगों को खोया है। तेजी से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी, जिसकी आपूर्ति के लिए सेना तक को लगाया गया। विदेशों से भी ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। इसके अलावा जरूरी दवाओं के उत्पादन से लेकर विदेश से लाने तक में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन से लड़ाई में सबसे कारगर हथियार कोविड प्रोटोकॉल है। मास्क और दो गज की दूरी ही सबसे अच्छा उपाय है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन हासिल करने में दशकों लग जाते थे। वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था, तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था। पोलियो, स्मॉल पॉक्स, हैपेटाइटिस बी की वैक्सीन के लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।
कोरोना काल यानी पिछले 15 महीने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 बार राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। आज उनका 9वां संबोधन है।
