ग्रेनो वेस्ट के तमाम छोटे बड़े सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि भले ही पिछले कुछ महीनों से कोरोना संक्रमण से निपटने में की जा रही मदद के ढिंढोरे पीटने में लगे हों लेकिन ग्रेनो वेस्ट वेलफेयर फाउंडेशन के संतोष सिंह के इस बारे में अलग ही विचार है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोरोना महामारी के संकटकाल में संघ और भाजपा के अलावा कौन सा गैर राजनीतिक तथा सामाजिक संगठन व उसके कार्यकर्ता आमजन के सहयोग में आगे आए??
— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) May 17, 2021
कृपया मर्यादित रूप से अपना वोट करें।@JagranNews @AmarUjalaNews @NEFOMAncr @GrenowestWF @grenowecasa @nefowaoffice
बीते दिनों ट्विटर पर एक सर्वे में सबसे आगे रहने वाले संतोष सिंह ने ‘एनसीआर खबर से एक खास बातचीत मे कहा कि समाज सेवा कोई ऐसा काम नहीं है जिसका ढिंढोरा पीटा जाए। वह ये काम बिना बताए करने में ज्यादा सहज महसूस करते हैं। फिर भी इस सर्वे की चर्चा के चलते अगर ऐसा करने से दूसरे लोग भी बिना किसी को बताए कोरोना में लोगो की मदद के लिए प्रेरित होते हों, तो कभी कभी ऐसा करने में बुराई नहीं है।
दरअसल कोरोना के दौरान लगातार समाजसेवियों द्वारा ट्विटर ट्विटर खेलने के बाद की स्थिति को देखते हुए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भाजपा मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने प्रमुख सामाजिक संगठनों को लेकर एक सर्वे कराया था जिसमें मुख्यतः तीन संगठन शामिल थे । जिसमे होम बायर एसोसिएशन नेफोमा (अन्नू खान) और नेफोवा ( अभिषेक कुमार ) इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सामाजिक कार्य कर रहे संस्था ग्रेनो वेस्ट वेलफेयर फाउंडेशन ( संतोष सिंह) ।
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तमाम उतार-चढ़ाव के बाद जब सर्वे में परिणाम आए तो अप्रत्याशित तौर पर लोगों को झटका लगा कि ग्रेनोवेस्ट वेलफेयर फाउंडेशन को लोगों ने ज्यादा वोट दिया । जबकि बाकी संगठन ट्विटर व्हाट्सएप प्रचार के बावजूद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हालांकि मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया ने सभी सामाजिक संगठनों को साधुवाद दिया कि वह समाज सेवा में लगे हुए हैं । फिर भी एक संस्था नेफोवा द्वारा व्हाट्स एप ग्रुपो में जाकर वोट मांगने के कुछ स्क्रीन शॉट आने से माहोल गर्म भी हुआ लेकिन आखिर में सर्वे को जनता का निर्णय माना जा रहा है
दरअसल क्षेत्र में लगातार सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह सामाजिकता को भूलकर लोगों की मदद कम और ट्विटर पर अपना प्रचार ज्यादा कर रहे हैं ऐसे में एक ऐसे संगठन का सामने आना प्रशंसनीय है जो ट्विटर पर अपना प्रचार लगभग ना के बराबर कर रहा है और चुपचाप लोगों की मदद कर रहा है
संतोष सिंह ने एनसीआर खबर को बताया कि उन्होंने संगठन की परिकल्पना 2 साल पहले की जब उन्होंने देखा कि बायर्स और सामाजिक संगठन के नाम पर लोग बस चंदा इकट्ठा कर रहे हैं वो जिन बिल्डरों का विरोध करते है उन्ही से अपने सामाजिक कार्यक्रमों में स्पॉन्सरशिप के नाम पर चंदा ले लेते है। अधिकारियों की झूठी वाहवाही करते है मगर जनता का बेबखुफ बनाते है
ऐसे में उन्होंने कुछ ऐसे लोगों का साथ लिया जो नौकरी पेशा लोग हैं चुपचाप काम करने में यकीन रखते हैं ना उन को मीडिया मैनेज करने का शौक है ना ही सामाजिक संगठन की आड़ में पैसे कमाने और ना ही नेताओ के लिए लाबिंग करने का ।
संतोष बताते हैं कि 2 साल से अभी तक उन्होंने इस संगठन के लिए ₹1 भी किसी से नहीं लिया है सभी सदस्य अपने सीमित संसाधनों में लोगों की जो संभव मदद हो पाती है उसको करते हैं चाहे वो गरीबों के लिए खाना बांटना रहा हो या सर्दी के मौसम में कंबल बांटना रहा हो या फिर हाई राइज सोसाइटी में रहने वाले लोगो की सुरक्षा के लिए सवाल उठाने का हम सभी के लिए काम करते हैं
कोरोना काल में भी लोगों की मदद का ढिंढोरा ना पीटने के सवाल पर संतोष मुस्कुराते हुए कहते हैं कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट गरीब लोगो के साथ साथ मध्यमवर्गीय लोगों के रहने की जगह है यहां पर लोग आर्थिक समस्याओं की जगह सामाजिक तोर पर एकल परिवार जैसे समस्याओं से ज्यादा परेशान होते हैं ऐसे में अगर किसी परिवार में एक व्यक्ति को कोरोना हो जाता तो वो किसी से आर्थिक मदद की उम्मीद नहीं करता मगर वह चाहता था कि उस तक डॉक्टर पहुंच जाएं या उनका अस्पतालों में आराम से एडमिशन हो जाए आप खुद सोचिए कि अगर कोई महिला अपने पति को अस्पताल में एडमिट नहीं करा पा रही है और ऐसे में मैं उसकी थोड़ी सी मदद कर देता हूं और उसके लिए फिर ट्विटर पर ढिंढोरा पीटना शुरू कर दूं तो ये कैसी समाजसेवा है।
संस्था में पर्दे के पीछे रहकर सभी चीजों को मैनेज कर रहे सुनील राजपूत समेत हमारी पूरी टीम का पहले दिन से यह प्रयास रहा कि किसी की सेवा के बदले उसको यह एहसास ना हो कि उसकी मदद की गई । हमने सिर्फ ईश्वर की कृपा, सोशल नेटवर्किंग और अपने संबंधों का प्रयोग करके लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया है कोई भी सेवा चुपचाप किया जाना ही हमारे परिवार के संस्कार है ।
सर्वे के दौरान एक सामाजिक संस्था द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में जीतने के लिए लोगों से वोट करने की अपील पर संतोष गंभीरता से जवाब देते हैं देखिए मैं दूसरी संस्थाओं का तो नहीं कह सकता लेकिन हां हमने किसी भी अपने व्यक्ति से नोएडा ग्रेटर नोएडा में नहीं कहा कि हमारे द्वारा की गई सेवा के बदले हम को वोट दें मुझे यह लगता है कि शायद दूसरी संस्था ने ही लोगों तक इस सर्वे को पहुंचाया और उसमें जो हमारे साथ जुड़े लोग रहे होंगे उन्होंने हमारे पक्ष में वोट दिया तो मैं इस मामले में उस संस्था को साधुवाद ही दूंगा क्योंकि उन्होंने इस तरीके के मैसेज चला कर जनता तक इस सर्वे को पहुंचाया उनका उद्देश्य भले ही अपने लिए रहा हो लेकिन जनता ने सही निर्णय लिया और परिणाम आपके सामने है ।
संस्था के आगामी कार्यों के बारे में संतोष सिंह बताते हैं कि उन्होंने संस्था के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही एक शॉपिंग हब में ऑफिस खरीद लिया है जो इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है आगे भी संस्था इसी तरीके से चुपचाप अपने कार्य करती रहेगी क्योंकि उनका उद्देश्य सामाजिक सेवा करना है और इसीलिए किसी भी तरीके से प्रचार से दूर रह कर संस्था अपना सेवा कार्य करेगी।