महागुन मार्ट शॉप एसोसिएशन ने महागुण मॉर्डन सोसाइटी की AOA पर दुकानों से कॉमन एरिया मेन्टेनेन्स (CAM) चार्ज की जबरन वसूली बिजली के मीटर से काट के करने के आरोप लगाए है डीएम को लिखे पत्र में अध्यक्ष ने इसे ना रोके जाने पर धरने प्रदर्शन करने की बात कही है
वही महागुन मॉर्डन की AOA के अध्यक्ष संदीप चौहान ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है उन्होंने इन सवालों पर एनसीआर खबर से कहा कि हम इन दुकानों से वही चार्ज ले रहे हैं जो उनके बनने से पहले बिल्डर द्वारा लिया जा रहा था । बल्कि बीते 4 महीने से उन्होंने जीएसटी में छूट दिया है ।
उन्होंने इस मुद्दे के मामले पर आम्रपाली मामले में आए एक फैसले का उदाहरण देते हुए कहा है कि कायदे से यह दुकाने सिर्फ सोसाइटी के लोगों के लिए हैं और हम पहले भी नोएडा अथॉरिटी से इनकी चारदीवारी बनाने की बात कह चुके हैं जिसके आदेश नोएडा अथार्टी ने दे दी हैं लेकिन वह अभी तक कोरोना के चलते इंप्लीमेंट नहीं हो पाया था हम एक बार दोबारा से नोएडा अथार्टी से उस चारदीवारी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रार्थना करेंगे।
क्या नोएडा में रेसिडेंशियल प्लॉट में कमर्शियल शॉप बनाने और बेचने के मामले में हुआ है बड़ा घोटाला ?
संदीप चौहान के अनुसार नोएडा अथॉरिटी के साथ इन दुकानों को बेचने के अधिकार को लेकर काफी लंबी बात पहले भी हो चुकी है इसी सबको लेकर चक्रेश जैन के अनुसार कॉमन एरिया सर्विसेज और कुल क्षेत्रफल के एक परसेंट में बनी लोकल दुकानों पर एकाधिकार होता है यूपी अपार्टमेंट एक्ट के अनुसार यह माना गया था कि जिस भी सोसाइटी में 10,000 की आबादी रहेगी वहां एक परसेंट में लोकल शॉप्स या कम से कम 10 X 10 की दो दुकानें और चार किओस्क होने के साथ ही एक क्रैच और प्री स्कूल भी अनिवार्य है कायदे से यह सब AOA के अधिकार में होने चाहिए थे । लेकिन बिल्डर ने इन दुकानों को महंगे दामों पर बेच दिया है आधिकारिक तौर पर इन दुकानों की रजिस्ट्री नहीं हो सकती थी लेकिन कुछ सोसायटी ओं में ऐसा हो गया है जिसके बाद बीते साल इन दुकानों के लिए चारदीवारी बनाने के आदेश भी आए थे। इस सब को लेकर अम्रपाली फ्लैट बायर्स मुकदमे में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी लगाई हुई है
लोगों के अनुसार बिल्डर अथॉरिटी इन दुकानों को लेकर हमेशा गोल मोल कर जाते है पूरे नोएडा गौतम बुध नगर में अगर इन मामलों की जांच CAG से कराई जाए तो यह एक बहुत बड़ा घोटाला निकल कर आ सकता है