पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस को एक बार फिर से मजबूत करने में लगी है । 2022 में यूपी की सियासत में वापसी के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर दशकों में पहली बार कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सालों से उपेक्षित कई बुजुर्ग और युवा नेताओं को दोबारा संगठन से जोड़ रही हैं. पार्टी यूपी चुनाव के लिए सांगठनिक मजबूती पर काम कर रही हैं
सालों में ऐसा पहली बार हो रहा कि कांग्रेस खुद को उत्तर प्रदेश में न्याय पंचायत स्तर पर खुद से खड़ा कर रही. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू खुद लगातार तमाम न्याय पंचाय स्तर की बैठकों में शामिल हुए है
कांग्रेस के साथ कांग्रेस सेवा दल को भी किया जा रहा मजबूत
कांग्रेस को यूपी में मजबूती के लिए कांग्रेस सेवा दल को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रह है । पूरे यूपी में इसके लिए पदाधिकारी बनाए गए और उनसे अपेक्षा की जा रही कि को उसी तरह कांग्रेस को आगे करें जैसे संघ भाजपा के लिए करता है।
नोएडा में भी महानगर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पुराने कांग्रेस नेता विक्रम सेठी को कांग्रेस सेवा दल में अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया । जिसके बाद एक बार फिर उम्मीद जगी थी कि कांग्रेस सेवा दल के साथ मिलकर कांग्रेस शहर में मजबूत विपक्ष के रूप में उभरेगी।
नोएडा में अध्यक्ष के रवैए से लोग कांग्रेस से हो रहे अलग
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार जिस लक्ष्य को रख कर सारी विसात बनाई गई थी वो कांग्रेस सेवा दल के एकला चलो नीति के चलते समाप्त होती जा रही है। बताया जा रहा है कि बीते महीनों में संगठन और पार्टी में समन्वय ना होने की कई घटनाएं हुई। ऐसे कई अवसर आए जब दोनो अलग अलग नजर आए । कांग्रेस के एक पदाधिकारी के अनुसार सेवा दल अध्यक्ष विक्रम सेठी कांग्रेस में रहते हुए भी भी ऐसे ही कार्य के लिए मशहूर रहे हैं। बताया जाता है बीते लोकसभा चुनाव में चल रही मीटिंग में भी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर प्रत्याशी के हारने की बात कह दी जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया था।
ऐसे में जब स्वतंत्र रूप से उनको कांग्रेस सेवा दल का भार सौंपा गया तो ये माना गया की शायद वो कांग्रेस सेवा दल के तौर पर कांग्रेस को मजबूती देंगे। लेकिन हाल में कई लोगो के सेवा दल छोड़ कर अन्य राजनैतिक दल में चले जाने की घटनाओं के बाद सवाल एक बार फिर उठने लगे है। हालत ये है कि जो कार्यकर्ता रह गए है वो भी अब घर बैठ रहे है। लोगो के अनुसार अध्यक्ष विक्रम सेठी सोशल मीडिया पर खुद को ही आगे दिखाने में लगे रहते है जमीनी कामों के समय कार्यकर्ताओं का साथ नही देते हैं
एनसीआर खबर ने कांग्रेस सेवा दल में सेक्टर 8 से अध्यक्ष पद छोड़ कर समाजवादी पार्टी में गए ऐसे ही एक कार्यकर्ता मूल चंद से बात की तो उन्होंने अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाया । उन्होंने बताया कि वो अध्यक्ष के पास ठंड के दिनों में गरीबों के लिए कंबल बाटने का प्रस्ताव लेकर गए जिस पर अध्यक्ष ने उनको खुद ही इस पर कार्य करने को कहा। इसके बाद एक बार फिर वो गरीब लोगो के राशन कार्ड की समस्या को लेकर भी जब अध्यक्ष से मिले तो उन्होंने उनके साथ चलने को जगह हतोत्साहित किया।
मूल चंद ने कहा कि वो समाज में लोगो की मदद के लिए कांग्रेस सेवा दल से जुड़े थे लेकिन संगठन अध्यक्ष के रवैए के बाद उन्होंने सेवा दल छोड़ समाजवादी पार्टी से जुड़कर समाज के लिए काम करना शुरू किया है।
उन्होंने बताया की संगठन में इसे कई लोग हैं जो अब उनके व्यवहार से खुश नहीं है इसलिए शांत बैठ गए है या फिर अन्य पार्टियों में जाने की तैयारी कर रहे है
बहराल ऐसी परिस्थितियों में कांग्रेस क्या वाकई प्रियंका गांधी के यूपी 2022 मिशन को साध पाएगी। क्या ऐसे विवादो के कारण टूट रहे संगठन को नोएडा में संभाल पाएगी ये देखना बाकी रहेगा