कोरो ना को लेकर चुनावी बिसात पर जनता को बुद्धिजीवी लगातार सचेत कर रहे है ऐसे ही कुछ लोगो के विचार आपके लिए ला रहे है ।
उत्तराखंड से धनंजय सिंह लिखते है
अधिकांश कोर्ट -कचहरी ऑनलाइन हो चुकी है,बड़ी अदालत ने 30 अप्रैल को रिपोर्ट माँगी है की चुनावी सभाओं में कोविड प्रोटोकाल का पालन किस ढंग से हो रहा है…..तब तक बंगाल चुनाव निपट जायेंगे………. आप क्रोनोलोजी समझिये.
बंगाल घूम कर लौटे यूपी के सीएम एकांतवास में गए.हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष दो दिन अस्पताल बिता कर वापस आ जाते हैं,अखिलेश यादव दर्शन करके लौट जाते हैं तब महंत की पोजिटिव रिपोर्ट आती है और आज अखिलेश भी पॉजिटिव हैं…….. इन लोगों को इलाज में कोई दिक्कत नहीं होगी,अस्पताल,दवाओं की कोई दिक्कत नहीं…न ही अपनी बड़ी बड़ी हवेलियों में एकांतवास में दिक्कत.. आप डाइमेंशन समझिये…….. साल भर में ताली -थाली -दिया — पीएम केयर फंड और न जाने क्या क्या फिर मसान और कब्रिस्तान की भीड़,अस्पतालों की लाचारी !
स्टे सेफ !
एक अखबार में स्पोर्ट्स पत्रकार राजीव राय ने लिखा है कि
नेताओं, अभिनेताओं और अमीरों को मत देखिए, उन्हें कोरोना होगा तो उनके इलाज में पूरी टीम लग जायेगी और फाइव स्टार सुविधाओं में देखरेख होगी।
दिक्कत तो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को होनी है क्योंकि कोरोना हुआ तो पहले अस्पताल में भर्ती होने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी और अगर भर्ती हो गए तो आर्थिक स्तर पर टूटना तय है।
ले देकर जितना हो सके सावधानी बरतें और खुद से खुद की सुरक्षा करें। बाकी प्रभु की इच्छा..
पत्रकार दीपक पाण्डेय लिखते है कि मेरा चुनाव लड़ रहे देश की सभी राजनैतिक पार्टियों से निवेदन है कि वे देश की जनता को बक्श दें..
मैं व्यक्तिगत तौर पर आप सभी का मित्र होने के नाते स्नेहवश कह रहा हूँ..
आप खुद कोविद सेफ्टी का पालन करें.. सावधानी बरतें, मास्क का इस्तेमाल करें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर कम से एक महीने तक जाने से परहेज करें..
यह कहने के पीछे अपना एक मजबूत पक्ष भी है, जो कि ये है कि अगर आपके यशस्वी, लोकप्रिय, जनप्रिय, जननायक नेता जी को कुछ हो गया.
तो वो सीधा एम्स या मेदांता में दिखेंगे लेकिन आपको कुछ हो गया तो बेड भी नहीं मिलेगा अस्पतालों में..
कड़वी है पर हकीकत यही है.. आप जिनके लिए यहां हर रोज एक दूसरे की नाराजगी ले रहे हैं, सच ये है उन्हें आपकी रत्तीभर भी फिकर नहीं है..