नोएडा के एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के दो टावरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट डवलपर्स सुपरटेक से कहा है कि पहले वह पांच करोड़ रुपये जमा करें, तब होगी सुनवाई।
साथ ही शीर्ष अदालत ने नोएडा अथॉरिटी को इस बात पर फटकार लगाई कि उसने इस तरह की स्थिति क्यों पैदा होने दी। अदालत ने अथॉरिटी से कहा कि आपने जो काम किया है वह लोगों के साथ घोखा है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुपरटेक से कहा कि वह 10 करोड़ रुपये अदालत में जमा करें तभी सुनवाई होगी। इस पर सुपरटेक की ओर से पेश वकील ने कहा कि उसे इतनी रकम जमा करने के लिए नहीं कहा जाए।
जवाब में पीठ ने कहा कि उनकी अंतरात्मा यह नहीं कहती कि बिना रकम जमा हुए सुनवाई की जाए। बाद में पीठ ने सुपरटेक को पांच करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की तारीख 27 जुलाई तय कर दी।
मालूम कि अप्रैल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी केदो टावरों को अवैध बताते हुए ढहाने का निर्देश दिया था। साथ ही फ्लैट खरीदने वालों को 14 फीसदी ब्याज केसाथ रकम वापस करने का निर्देश दिया गया था।
हाईकोर्ट केइस फैसले को नोएडा अथॉरिटी, सुपरटेक आदि की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट टावरों को गिराने के आदेश पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया था।