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आवारा कुत्तो और कुते प्रमियो के आतंक से दुखी नॉएडा वासियों ने स्मर्ति ईरानी से लगाईं मदद की गुहार

नॉएडा में आवारा कुत्तो और कुत्ते प्रेमियों के आतंक से दुखी होकर लोगो ने अब केन्द्रीय मंत्री स्मर्ति इरानी से संरक्षण की गुहार लगाईं है I नॉएडा की अनीता सिंह ने ट्विटर पर केन्द्रीय मंत्री को टैग करते हुए लिखा कि हम नोएडा की महिलायें और बच्चे आपसे संरक्षण चाहतें हैं उन कुत्ते प्रेमियों तथा ख़तरनाक आवारा कुत्तों से जिन्होंने बच्चों और महिलाओं को चारदीवारी में बंद कर दिया है और पुलिस का भी डर दिखाते हैं ।

अनीता सिंह ने एनसीआर खबर से बात चीत में बताया की नॉएडा में तथाकथित पशु प्रेमियों के आतंक से बहुत लोग परेशान हैं I ये लोग सेक्टर में आवारा कुत्तो को कहीं भी खिलाने लगते हैं जिससे वो कुत्ते वहां जमा होने शुरू हो जाते है और आसपास के महिलाओं बच्चो और बुजुर्गो को काट लेते हैं I जबकि इस मामले में एनिमल बोर्ड आफ इंडिया भी कहता है कि आवारा कुत्तो को आबादी से दूर खिलाने की जगह होनी चाहिए I सबसे बड़ी बात ये है की जब ये आवारा कुत्ते लोगो को काट लेते हैं तो आवारा कुत्तो को फीड करने वाले ये तथाकथित प्रेमी अपनी ज़िम्मेदारी से भाग लेते हैं जिसको लेकर लोगो की इनसे लड़ाईयां तक होती हैं लेकिन उस पर मेनका गांधी के फ़ोन तक आ जातें है I बेजुबानो की मदद के नाम पर ये लोगो को प्रताड़ित करते है I

ऐसे में कई लोगो के सवाल ये है की जब आप कुत्तो के साथ मारपीट की लड़ाई बनते हैं तो आपके द्वारा फीड कराये जा रहे आवारा कुत्तो द्वारा काटे जाने पर पार्टी क्यूँ नहीं बनते I इसको लेकर कानून में अकाउंटबिलिटी कब तय होगी

प्रसिद वैज्ञानिक प्रोफेसर आर्य ने भी इस मुहीम में साथ देते हुए लिखा आपका कथन ठीक है। शासन, प्रशासन तथा सभी संबंधित संस्थाओं और नागरिकों को इस परेशानी का संज्ञान लेते हुए इसे दूर करना चाहिए।

तो प्रीत भार्गव ने लिखा है की ऐसी संस्थाए प्रताड़ित लोगो को ही आतंकवादी घोषित कर देती है I

मासूम पशु प्रेमी ही बनते हैं इन एन जी ओ के शिकार, जेल भेजने से लेकर उनकी नौकरी तक लेने में लग जाते है

पीपल फॉर ह्यूमनराइट्स एंड वेलफेयर के अध्यक्ष ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल नॉएडा में कुत्ते प्रेमी गैंग को भाजपा की बड़ी नेत्री मेनका गांधी का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते ये लोग आम आदमी को ना सिर्फ कानूनी मामलो में फंसा देते है I ऐसे में ये लोग लोगो को कानूनन कार्यवाही के अलावा उनके संविधानिक हको का भी शोषण कर देते है

नाम ना छापने की शर्त पर एक समाजसेवी ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल इस सबके पीछे इन संस्थाओं को मिलने वाला फंड हैं जिसके चलते शहरो में इस तरह के कुत्ता प्रेमी लोग आ गये हैं I ये लोग कुत्तो के स्ट्रेलाइजएशन जैसे कामो में इन्वोल्व हैं और इसी के लिए ये लोगो से लड़ने तक को तैयार हो जाते है I सबसे दुखद बात ये है कि ये लोग कुत्तो को पालने वाले लोगो तक के किसी समय कुत्तो के साथ हुई घटना के शोर्ट विडियो बना कर उनको कानूनी मसलो में फंसा देते हैं

इन पशु प्रेमी गैंग के कारनामो की एक असलियत ये भी है की जहाँ एक और ये आवारा कुत्तो को लेकर मुखर रहते है वहीं उनके लिए इनको समर्थन देने वाले असली पशु प्रेमी भी इनके शिकार बन जाते हैं बीते दिनों अधिकाँश मामलो में घरो में अपने पेट के साथ किये गलत वयवहार को लेकर इन लोगो ने पशु प्रेमी लोगो को ही कानूनी मामलो में फंसाया है

ऐसे ही एक केस में इन लोगो ने एक पति पत्नी की नौकरी तक से निकलवा दिया I अब सवाल ये है की किसी भी अपराध के लिए सजा देने का अधिकार तो सिर्फ हमारे देश में अदालतों को है लेकिन पशु कुरता के नाम पर किसी को नौकरी से निकलवाने जैसे कैम्पेन चलाने जैसी खाप पंचायत चलाने का अधिकार इन लोगो को किसने दिया है और ऐसे लोगो के साथ जब पूजा भट्ट रवीना टंडन या विवेक ओबराय जैसे सेलिब्रिटी का साथ मिल जाए तो इन लोगो के हौसले बढ़ जाते है I

इस मामले में एक पहलु ये भी है कि ऐसे केस में मेनका गांधी के आफिस से पुलिस थानों में फ़ोन पहुँचने पर पीड़ित पक्ष की आवाज़े कमज़ोर पड़ जाती है I मेनका गांधी यहाँ पर ना सिर्फ थानों बल्कि भाजपा के नताओ को भी फ़ोन कर देती है हालाँकि स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता हमेशा इन संगठनो के खिलाफ जनता के साथ दिखाई देते है

सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भाजपा बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदोरिया यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी से इस मामले में संज्ञान लेने की प्रार्थना करते हुए लिखते हैं कुत्ता प्रेमी गैंग का आतंक दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, जानवरों के अधिकार के नाम पर बनी संस्थाओं द्वारा आम जनमानस को डराने धमकाने और कानूनी दांवपेंच में फंसाने जैसी ब्लैकमेलिंग आम हो गई है।

फाइलों में दबकर रह गयी आवारा कुत्तो को लेकर टैगिंग और कुत्ते पालने की लाइसेंस की प्रक्रिया

नॉएडा अथारटी ने कुछ साल पहले आवारा कुत्तो को लेकर टैगिंग और लाइसेंस की प्रक्रिया करने की बातें की थी लेकिन बीते दिनों इसको भी रोक दिया गया एनसीआर खबर ने इसको लेकर अथारटी में अधिकारी एस सी मिश्रा से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं सकी लेकिन सूत्रों के अनुसार इस मामले में भी किसी पशु अधिकारों की संस्था का पत्र अथारटी पहुंचा कि टैगिंग एक तरह से उनके साथ क्रूरता है लेकिन लोगो के सवाल ये हैं कि जब आवारा कुत्तो का बधियाकरण किया जा सकता है तो टैगिंग क्यूँ नहीं हो सकती है इसका जबाब किसी के पास नहीं है I अथारटी के अधिकारी कुत्तो के पालने के लाइसेंस और आवारा कुत्तो के टैगिंग पर एकसंस्था के पत्र मात्र से काम करना रोक देते है और लोगो के ज़िन्दगी से खिलवाड़ आकर देते है

प्रधानमन्त्री ने भी बीते दिनों बोला था ऐसे वामपंथी एनजीओ के बारे

बीते दिनों किसान बिल पर बात करते हुए एक किसान पाटेकर द्वारा आवारा पशुओ द्वारा होने वाले नुक्सान की बात उठाई तब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी उनको ऐसे वामपंथी ब्रिग्रेड द्वारा किसी एनजीओ द्वारा विरोध का इशारा किया था I

उनके इस अनुरोध पर प्रधानमंत्री ने कहा था, “जो लोग किसानों के नाम पर प्रदर्शन में बैठे हैं और पर्यावरण के नाम पर समान विचार रखते हैं, जानवरों को मारने वाले लोगों को जेल भेजने की बात करते हैं। वे एक प्रदर्शन वहां कर रहे हैं और एक प्रदर्शन यहां राजनीति के नाम पर। हमें इसका एक समाधान खोजने की जरूरत है। देश के कई हिस्सों में, इस तरह के मुद्दे हैं।”

एन सी आर खबर ब्यूरो

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