main newsएनसीआरगाजियाबादग्रेटर नॉएडाग्रेटर नॉएडा वेस्टनोएडायमुना एक्सप्रसवे (यीडा)

मुरादनगर शमशान घाट के बहाने खुल रही यूपी मे संगठित भ्रष्टाचार की पोल, ठेकेदार अजय त्यागी के बयान से पता चलता है कि पूर्ववर्ती सरकारों की तरह 30 परसेंट का खेल अभी भी है चालू

गाजियाबाद SSP कलानिधि नैथानी को मुरादनगर शमशान घाट हादसे में मुख्य आरोपी अजय त्यागी का खुला हैरान करने की जगह परेशान करने वाला है ।अजय त्यागी ने पुलिस को बताया कि वो टेंडर पाने के लिए अफसरों को 30% तक कमीशन देता था

55 लाख के टेंडर में लगभग 16 लाख रु आई ई निहारिका सिंह को कमीशन दिए गए, अगर कॉंट्रैक्टर मार्जिन 10% और जोड़ दिया जाए तो कुल कमीशन होता है अमाउंट का 40%, जिससे कोई भी मज़बूत निर्माण कर पाना असंभव है।

ऐसे में लोगो की निगाहें एक बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ उठ गई है। यूपी में 30% कमीशन कोई पहली बार नहीं सुना जा रहा है । बीते 20 सालो मे ये हर सरकार के दौरान सामने आता रहा है । हर बार जांच के नाम पर मुकदमे लिखे जाते रहे है । उत्तर प्रदेश की एक पूर्व मुख्यमंत्री तक पर ग्रेटर नोएडा में लैंड यूज बदलने ऑर वहां आवासीय सेक्टर बसाने के मामले की सीबीआई जांच आज तक पूरी नहीं हुई है।

तो वर्तमान सरकार में भी तमाम टेंडरो में सत्ता पक्ष के विधायक, चेयरमैन ऑर अधिकारियों की मिलीभगत से कमीशन खाने की घटनाए सामने आती रही है ऑर अखबारों की सुर्खियां बनती भी रही है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तमाम प्रयासों के बाबजूद सरकार समर्थित इस भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में असफल रहे है । बीते दिनों भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ छपी एक खबर ने यूपी में काफी हड़कंप मचा दिया था जिसको लेकर खबर छापने वाले पत्रकार पर ही मुकदमे हो गए। सांसद, विधायक निधि से होने वाले कामों, खनन, सरकारी खरीद, अथार्टी के टेंडरो पर भी कई बार सवाल उठते रहे है और खबरों के दौर में कहीं खोते भी रहे है।

5 साल के लिए बनाई जा रही सड़के साल भर में बैठ जाती है । गौतम बुध नगर में बनाई हुई हाई राइज सोसाइटी में हर रोज कहीं ना कहीं छत का प्लास्टर गिर जाता है तो कहीं थोड़ी सी आंधी बारिश में बाहर का प्लास्टर उतर जाता है । बिल्डर, अधिकारियों ऑर स्वयंभू सामाजिक नेताओ की सांठ गांठ का ये हाल है कि यूपी रैरा, एनजीटी ऑर ऐसे तमाम संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा जुर्माने के आदेश तो दिए जाते है लेकिन वो भरे नहीं जाते। संस्थाएं ट्विटर पर अधिकारियों को चमकाने में खुश है ऑर बिल्डर संस्थाओं को ।

मुरादनगर शमशान घाट काण्ड सिर्फ एक चेतावनी भर है लेकिन सच यही है कि मुख्यमंत्री अगर गौतम बुध नगर, लखनऊ , प्रयागराज, बनारस जैसे शहरों के अधिकारियों पर जांच बैठा दें तो कई ऐसे केस सामने आ जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 3 सालो के दौरान अपराध पर बड़ी लगाम लगाई है लेकिन भ्रष्टाचार माफिया पर अब तक कोई लगाम लगाने में विशेष कामयाबी हासिल नहीं कर पाए है । विपक्ष इस मामले कुछ पहले ही नहीं बोलता है क्योंकि उनकी सरकारी में हुई लूट के मामले खुल जाने का डर है ।

30% कमीशन का खेल जब तक सरकारी संरक्षण में चलता रहेगा मुरादनगर जैसे हादसे होने की संभावना बनी रहेगी।

NCRKhabar Mobile Desk

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button