मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा 2011 में मायावती सरकार के दौरान 34 किसानों पर विभिन्न धाराओं दर्ज किये गये मुकदमें वापस लिये गये हैं इसी को लेकर आज भट्टा पारसौल के किसान गौतम बुध नगर सांसद का धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए नोएडा कार्यालय पर पहुंचे।
सांसद ने सभी किसानों को माला डालकर उनका स्वागत किया और कहा कि लंबे समय से जिस लड़ाई को आप और हम मिलकर लड़ रहे थे उसमें प्रदेश सरकार द्वारा हमें विजय हासिल हुई है और न्याय मिला है। मैं, सभी किसानों का आभार प्रकट करता हूँ और आगे भी भट्टा पारसौल में जो विकास की गति रूक गयी थी उसको भी तेजी से पूर्ण कराया जायेगा। सभी किसानों ने माननीय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कृषि बिल व किसान हित में किये कार्यो पर संतोष जताया एवं विश्वाश व्यक्त किया।
इस मौके पर किसान किरनपाल सिंह, नीरज मलिक, राजू, प्रेमवीर मलिक, गजेन्द्र सिंह, विजय कुमार, सोमदेव, ऋशिपाल, विजेन्द्र सिंह, संजय मलिक, ओमप्रकाश,, संजय बाली सांसद प्रतिनिधि, सोनू वर्मा उर्फ सचिन वर्मा सांसद प्रतिनिधि, पंकज कौशिक एवं उपस्थित रहें।
क्या है भट्टा पारसोल कांड ?
वर्ष 2009 में बसपा की सरकार में भट्टा पारसौल सहित अन्य कई गावों के किसानों की
जमीन अधिग्रहण को लेकर यमुना विकास प्राधिकरण नियम विरूद्व किये गये अधिग्रहण के
विरोध में 17.01.2011 को किसानों ने भट्टा में एकि़त्रत होकर अपने हितों के लिए
आंदोलन शुरू किया। लगातार 4 महीने तक अपनी आवाज को उठाते रहें और प्रशासन
द्वारा सभी किसानों को प्रताडित किया गया जो कि किसान शांति पूर्वक धरना कर रहे
थे। तत्कालीन मायावती सरकार में प्रशासन द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर 7.5.2011 को बलपूर्वक लाठी, डण्डे एवं गोलियां चलाकर जिसमें दो किसानों की मौके पर मौत हो गयी थी और
सैकड़ों किसान घायल हो गये और जिसकी प्रताडना महिलाओं, वृद्वों एवं बच्चों पर भी की
गयी और खड़ी फसलों को भी आग के हवाले कर दिया गया जिससे भयभीत होकर क्षेत्र
के किसानों ने गांव से पलायन कर दिया।
34 किसानों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमें दर्ज किए और कुछ अन्य किसानों पर 50 हजार रूपये का इनाम तक भी घोषित कर दिये। इस प्रकरण के संबंध में किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सांसद डा0 महेश शर्मा, पूर्व मंत्री भारत सरकार से मुलाकात की और अपने उपर हुए अत्याचार के बारें में विस्तार से चर्चा की, सांसद ने 01.09.2017 को माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ
को पत्र प्रेषित कर भट्टा पारसौल व अन्य गांवों के किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आग्रह किया और उ0 प्र0 के कानून मंत्री श्री ब्रजेश पाठक से भी संवाद कर सभी किसानों के मुकदमें वापसी की बात की।