15 अक्टूबर से से दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर से बढते प्रदुषण को रोकने के लिए EPCA के आदेश पर सबसे पहले डीजल जनरेटर बंद कर दिए गये I लेकिन EPCA के इस तुगलकी कानून के चलते हाई राइज सोसाइटी के लोगो का गुस्सा फुट पड़ा I
डीजल जनरेटर बंद होने के कारण कल सुबह से ही कई बार गई लाईट के चलते सुबह बच्चो की क्लासेस रुक गयी तो कई कोरोना के कारण वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगो के आफिस काल भी डिसकनेक्ट हो गये I १० वी मजिल से उपर रहने वाले कई लोग तो लिफ्ट बंद होने के कारण उपर ही रहने को मजबूर होना पड़ा
वहीं EPCA की क्षत्रीय अधिकारी ने इस मामले के सामने आने पर लिफ्ट और ज़रूरी सप्लाई के लिए जनरेटर चलाने की बात कही I लेकिन लोगो के इस पर भी EPCA समेत अधिकारियों की समझ पर सवाल उठाये है
अरिहंत अम्बर में रहने वाले एक नागरिक ने कहा @CPCB_OFFICIAL @UppcbN बहुत हास्यास्पद नियम है कि लिफ्ट के लिए DG चलेगा और घरों में सप्लाई नहीं होगी। आपका उद्देश्य प्रदूषण नियंत्रण करना है या आम जनता को परेशान?
बिल्डरों को CNG DG के लिए क्यों बाध्य नहीं किया जा रहा है जब highrise societies में सबने पावर बैकअप का भुगतान किया है
असल में यही लोगो का सवाल जायज भी है , EPCA के क्षेत्रीय अधिकारी पुरे साल सोये रहे लेकिन सर्दियों की आहट होते ही आनन् फानन में डीजल जेनरेटर बंद करवाने के आदेश दे दिए I अधिकाँश सोसाइटी में कामन सर्विसेज एरिया और फ़्लैट के लिए अलग अलग जेनरेटर तक नहीं है लेकिन पिछली बार भी ऐसी समस्या आने के बाबजूद क्षेत्रीय अधिकारी ने कभी इस पर कोई योजना नहीं बनाई ना ही लोगो और अथारटी अधिकारियों के साथ इसकी चर्चा की
क्षेत्रीय अधिकारी ये बताने को तैयार नहीं कि आखिर उन्होंने पिछले साल हुई कवायद के बाद आखिर इस साल शुरू से ही क्यूँ कड़े कदम नहीं उठाये आखिर क्यूँ वो सोते रहे I आखिर अधिकारियों को समस्याओं के शुरू होने पर ही सिर्फ जनता को परेशान करने का काम आता है क्या ?
सबको पता था कि डीजल जनरेटर को अक्टूबर में फिर से बंद करना होगा और इसके लिए सोसाइटी और उधोगो को 9 महीने पहले ही इसके लिए नोटिस भेजने चाहिए थे लेकिन अब इन अधिकारियों की अक्षमता का खामियाजा स्कुल के बच्चे और वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगो और बुजुर्गो को भुगतना होगा