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कोविड के नायक :अन्नाआंदोलन में शिक्षक से समाजसेवी बने संजीव निगम कीअद्भुद कहानी जिसने मजबूर मध्यवर्ग को कोरोना में खूब साथ दिया

कोरोना से लड़ाई में बीते 50 दिनों में अनगिनत नायक दिल्ली एनसीआर में उभर कर आए। ऐसे ही नायकों की अनकही कहानियां हम एनसीआर खबर पर ला रहे है । कुछ नायक हमने चुने है कुछ की जानकारी आप देंगे ताकि हम सभी नायकों को आप तक पहुंचा सके I आज की कड़ी में हम आपको बता रहे हैं कोरोना से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आम आदमी पार्टी के गौतम बुद्ध नगर के जिला महासचिव एवं प्रवक्ता संजीव निगम के बारे में

जब लॉकडाउन शुरू हुआ तो लोगों की पहली समस्या थी दिल्ली से यूपी के अन्य शहरों में जाना ऐसे में नोएडा में रह रहे पेशे से अध्यापक और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजीव निगम को लोगों ने फोन करना शुरू किया कि उनको किसी भी तरीके से अपने घर जाने के पास दिलवा दें, संजीव ने उनको पास दिलवाने शुरू किये और लगभग लगभग 100 से जयदा मध्यमवर्गीय लोगो को उनकी मजबूरी में पास बनवाए । लेकिन जब संजीव को लोग के राशन और खाने के लिए भी फोन करने लगे तो संजीव ने स्थानीय संस्थाओं से संपर्क कर उनके लिए उसका भी अरेंजमेंट करना शुरू किया ऑर इस महामारी के समय बिना किसी प्रचार के अपना काम करते रहे

वो जनपद में मकान मालिको व किरायेदारों के बीच झगड़े, बदतर होती आर्थिक स्थिति, बैंक लोन की किश्त,बच्चों के स्कूल की फीस, बिजली का बिल और परिवार की आजीविका चलाने को लेकर लगातार सरकार से मिले ।

कानपुर के एक प्रतिष्ठित मध्यमवर्गीय परिवार पैदा हुए संजीव निगम आज आम आदमी पार्टी के नेता है और उत्तर प्रदेश के नोएडा- गौतम बुद्ध नगर के जिला महासचिव व पार्टी के प्रवक्ता है संजीव निगम आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य है यह पार्टी में आंदोलन के समय से जुड़े हुए हैं पिछले 7-8 वर्षो से संजीव निगम ने पार्टी के कार्यो के लिए व पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न राज्यों में संगठन विस्तार में लगे रहते है

संजीव निगम पेशे से शिक्षक है इन्होने गणित मे परास्नातक किया हुआ है संजीव निगम उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जन्मे व मूल रुप से कानपुर निवासी है इनकी पढ़ाई-लिखाई कानपुर में ही हुई ।कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक किया। संजीव निगम 1996 में दिल्ली आ गए थे और दिल्ली में एक एजुकेशनल संस्था सचदेवा न्यू पी टी कालेज से जुड़ गए।इस संस्था के माध्यम से भी इन्हें दिल्ली एन सी आर व भारत के विभिन्न राज्यों में जाकर कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ 1998 से 2000 तक छत्तीसगढ के कोरबा जिले में पोस्टेड रहे। इसी बीच 1999 में इनका विवाह हो गया इनकी पत्नी भी एक शिक्षिका है वह नोएडा के ही एक स्कूल में पढ़ाती है

बहुत कम लोग जानते हैं कि संजीव निगम कॉमेडी के दुनिया में अपना सिक्का जमा चुके राजीव निगम के बड़े भाई हैं लेकिन यह संजीव का सरल चरित्र ही है उन्होंने कभी अपने भाई के नाम का फायदा नहीं उठाया आज भी बेहद विनम्रता के साथ सार्वजनिक और पारिवारिक जीवन में व्यस्त रहते हैं इनके माता पिता अन्य भाई अभी भी कानपुर में ही रहते हैं इनके पिता प्रताप नारायण निगम भारत सरकार के रक्षा प्रतिष्ठान से सेवानिवृत्त हुए है

2011में दिल्ली में अन्ना जी का आंदोलन चल रहा था तो इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ-साथ आंदोलन में भी भाग लिया इस आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी का उदय हुआ इन्होंने आम आदमी पार्टी में सदस्यता लेकर आजतक सक्रिय भागीदारी निभा रहे है । 8 साल से लोगो की सेवा के बाद भी सरकार में कोई पद ना लेने वाले संजीव हमेशा कहते है कि हम राजनीति बदलने आए थे पद की महत्वाकांक्षा के लिए नहीं । इसलिए पार्टी में हमेशा उन जगह वो काम करते है जहां कोई नहीं होता।

कोरोना के संकट के बीच भी लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डटे रहे। एनसीआर खबर उन्हें कोविड के नायक सम्मान से सुशोभित कर गर्व महसूस कर रहा है

एन सी आर खबर ब्यूरो

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