कोरोना से लड़ाई में बीते 50 दिनों में अनगिनत नायक दिल्ली एनसीआर में उभर कर आए। ऐसे ही नायकों की अनकही कहानियां हम एनसीआर खबर पर ला रहे है । कुछ नायक हमने चुने है कुछ की जानकारी आप देंगे ताकि हम सभी नायकों को आप तक पहुंचा सके I आज की कड़ी में हम आपको बता रहे हैं मां सीता रसोई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा के बिसरख मंडल के उपाध्यक्ष राहुल चौधरी के बारे में
कोरोना संकट काल में जब लोगों ने राशन बांटना शुरू किया और बना हुआ खाना देना शुरू किया तब मां सीता रसोई के विचार के साथ भाजपा मंडल अध्यक्ष को स्थानीय सहायता के लिए दृढ़ता के साथ एक व्यक्ति निकल कर आया जिसने कहा कि अध्यक्ष जी माँ सीता की रसोई के लिए जहां भी आपको कोई व्यक्ति ना मिले वहां में खड़ा रहूंगा अपनी टीम से राहुल चौधरी ने इस वादे को माँ सीता रसोई में तब भी निभाया जब मंडल अध्यक्ष कुछ दिनों के लिए उनकी सोसायटी सील होने के कारण रसोई में नहीं आ सके । जीवन के कड़े अनुभव और परिस्थितियों के चलते भी सकरात्मक सोच रखके एक परिपक्व युवा नेता के तौर पे उभरते राहुल चौधरी ने कोरोना संकट में माँ सीता रसोई में बखूबी योगदान दिया और गरीब असहाय लोगो की हर संभव मदद की ।
राहुल चौधरी का जन्म ग्राम खैरपुर गुर्जर , गौतम बुद्ध नगर में हुआ । जन्म के कुछ साल बाद ही उनके पिता जी स्व श्री बेगराज खारी बच्चो को अच्छी परवरिश और शिक्षा देने के लिए गाँव से ग़ाज़ियाबाद आ गए।
प्रारम्भिक शिक्षा ग़ाज़ियाबाद में हुई और उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बी टेक करने के उपरान्त इंग्लॅण्ड की जानी मानी लीड्स यूनिवर्सिटी से डिजिटल कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया । जैसा कि उस समय में चलन था जो विदेश गया वो विदेशी बन के रह गया पर भाई राहुल चौधरी ने अपने देश और परिवार के पास आने का फैसला किया और सन 2007 में भारत वापिस आकर मुंबई में अपने करियर की शुरुआत की।
खराब स्वास्थ्य के कारण पिता जी का देहांत सन 2009 में हुआ और परिवार के लिए जैसे संघर्ष एक बार फिर शुरू हो गया । दिन रात काम, परिवार और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों की निर्वाह करते हुए अपनी माता जी के आशीर्वाद से जीवन की गाडी को फिर पटरी पर लाये । पर बड़ा आघात लगा जब सन 2012 में पता लगा के माता जी को कैंसर की घातक बीमारी है । कुछ साल स्वास्थ्य रहने के बाद सन 2017 में माता जी ने जीवन का साथ छोड़ दिया और ऐसा लगा मानो जीवन फिर उसी मोड पे आकर खड़ा हो गया जहाँ पिता जी छोड़ के गए थे ।
बचपन से ही परिवार में समाज और राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि स्थान दिया गया था। परिवार की अपनी बरादरी और इलाके में ख़ास पहचान रही है । पिता जी अखिल भारतीय BSNL कर्मचारी संगठन के राष्ट्रीव महासचिव एवं राष्ट्रिय गुर्जर महासभा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे । माता जी गाँव खैरपुर गुर्जर की प्रधान रही और आज भी ग्रामवासी उनके कार्यकाल में किये गए विकास कार्यो की प्रशंसा करते नहीं थकते । एक निर्भीक, कर्मठ, निष्ठावानऔर मिलनसार नेता के रूप में उनके पिताजी के किस्से आज भी क्षेत्र के लोगो से सुनने को मिलते है ।
जैसे पानी के बहाव को कोई नहीं रोक पाता और वो खुद अपना रास्ता बना ही लेता है वैसे ही तमाम विपरीत हालातो और स्थितियों के रहते भी राहुल चौधरी ग्रेटर नॉएडा की राजनीती में सक्रिय हुए और मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया जी के संपर्क में आने पर उनकी क़ाबलियत को देखते हुए उन्हें बीजेपी में मंडल उपाध्यक्ष का पद दिया ।
विदेश में पढ़े लिखे युवा जिन्होंने इंग्लैंड , यूरोप , चीन , हांगकांग जैसे देशो में रहके काम किया और साथ ही गाँवों की गलियों में पिता जी और माता जी के साथ समाजिक कार्य भी किये उनके इस अनुभव के चलते जनसेवा में अपनी खुद की पहचान बनाना मुश्किल नहीं था ।
अपनी माता जी को जीवन में आदर्श मानने वाले राहुल चौधरी का कहना है के माता पिता धरती पे भगवान का रूप है और परिवार से बढ़के अपना कोई और नहीं हो सकता
कोरोना के संकट के बीच भी लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डटे रहे। एनसीआर खबर उन्हें कोविड के नायक सम्मान से सुशोभित कर गर्व महसूस कर रहा है