कोरोना भले ही विश्व व्यापी समस्या बन चूका है , सभी जहाँ इस समय लोगो की भलाई और उनको बचाने के लिए प्रार्थनाये कर रहे है वहीं ग्रेटर नॉएडा वेस्ट में वर्चस्व और नाम की लड़ाई शुरू हो चुकी है , ग्रेटर नॉएडा वेस्ट के सोसाईटियों की नेतागिरी से उठे सामाजिक और राजनैतिक लोगो के बीच इस तरह की उठापटक कोई नहीं बात नहीं है लेकिन अब ये सामाजिक पटल से आभासी पटल का संग्राम बनता जा रहा है
व्हाट्सअप्प ग्रुपों तक सीमित इस जंग को सार्वजानिक हवा तब मिली जब आज नेफोवा के एक सदस्य ने विधायक तेजपाल नागर को ट्वीट करते हुए जब उनसे शिकायत करते हुए बताया की उनको बिना किसी कारण के भाजपा के ग्रुपों से निकाल दिया गया I जिसके बाद एक बार फिर से नेफोवा और भाजपा के स्तःनीय संगठन के बीच का द्वन्द सामने आ गया
मा• विधायक @tejpalnagarMLA जी मै क्षमा चाहता हूं लिखने के लिए। आज मुझे बिना किसी वजह के बीजेपी के ग्रुप से निस्कासित किया गया। बिसरख मंडल में राजनीति हो रही है। यहां पर बीजेपी के सपोर्टर को ही तोड़ा जा रहा है।मा• मोदी जी और योगी जी हमेशा जोड़ने की बात कर रहे वहीं ये तोड़ रहे है pic.twitter.com/2WNUbgPHsj
— विकाश कटियार (@vikashkatiyar) April 14, 2020
एनसीआर खबर ने इस मामले भाजपा मंडल के आईटी संयोजक विवेक सिंह और जिला प्रतिनिधि लोकेश त्यागी से जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने एक अलग ही चौकाने वाली बात बताई I बकौल भाजपा नेता ये शुरुआत उन्होंने नहीं नेफोवा ने आज सुबह शुरू की जब उनके एक सदस्य सुमिल ज़लोटा ने भाजपा के 6 कार्यकर्ताओं को ग्रेटर नॉएडा अथारटी से जुड़े लोगो के ग्रुप से निकाल दिया I उन्होंने सवाल उठाये कि क्या सिर्फ नेफोवा के लोग ही अथारटी के लोगो के साथ रहेंगे I जिसके फलस्वरूप ऐसे लोगो को भाजपा के लोकल ग्रुप से हटा दिया
इस मामले में सलिल ज़लोटा का अपना तर्क है की ये लड़ाई आज की नहीं कई दिनों से चल रही है , भाजपा के कार्यकर्ता नेफोवा में शामिल भाजपा कार्यकर्ता को पसंद नहीं करते हैं इसलिए उन्होंने आज सुबह उनको हटा दिया
ऐसे में भाजपा के विधायक तेजपाल नागर और मंडल अध्यक्ष रवि भदोरिया के सामने संगठन , समाज और राजनीती को संतुलित करने की चुनोती खड़ी हो गयी है और वो इसको किस तरह से सुलझाने जा रहे है ये देखना बाकी रहेगा
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