कोरोना के चलते लोग डाउन मैं लोग 21 दिनों से घर में हैं सरकार के निर्देश पर सभी तरह के काम बंद है लेकिन स्कूलों ने अप्रैल में अपना नया सेशन शुरू कर दिया इसको लेकर विधायक से लेकर सांसद तक ने अपील की थी कि स्कूल 1 महीने तक अपनी फीस पेरेंट्स से लेने के लिए उन पर दबाव ना डालें लोगो का कहना है लॉकडाउन में फीस माफ होनी चाहिए और फीस बढ़ोत्तरी नहीं की जाए। स्कूलों को 30 से 50 फीसदी फीस स्कूलों को घटानी चाहिए।
गौर सिटी में रहने वाले मिहिर कहते हैं स्कूल की फीस को गंभीरता से देखा जाए। बिना ट्रांसपोर्ट के ट्रांसपोर्ट का फीस क्यों? एक या दो ज़ूम क्लास हो रही हैं, जिसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती है। पूरी फ़ीस क्यों दिया जाए? लॉकडाउन में सब पर असर पड़ा है। अभिभावक कहां से पूरी फ़ीस दे पाएंगे अभिभावक?
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— vineetnagar777 (@vineetnagar777) April 11, 2020
लेकिन तमाम विरोध के बावजूद स्कूलों ने ऑनलाइन एजुकेशन के नाम पर पेरेंट्स को रिमाइंडर भेजने शुरू कर दिए । पेरेंट्स को बताया गया कि उनको भी स्कूल में टीचरों की सैलरी देनी होती हैं लेकिन अभी यह बातें हो ही रही थी लोग अभी तक मांग कर रहे थे कि लॉकडाउन तक किसी से कोई फीस ना लिया जाए अब स्कूल के टीचरों ने सरकार से गुजारिश की है स्कूलों से कहे कि वह उनको नौकरी से ना निकाले ऐसा ही एक मामला ग्रेटर नोएडा के एक स्कूल का सामने आया है
ग्रेटर नोएडा के एसकेएस स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर विनीत नागर ने योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने ट्वीट में स्कूल पर आरोप लगाया कि उन्होंने उन समेत तीन टीचरों को निकाल दिया है क्योंकि स्पोर्ट्स टीचर ऑनलाइन शिक्षा नहीं दे सकते हैं
मुझे स्पोर्ट टीचर की नौकरी से निकाल दिया गया लॉक्डाउन के चलते ओर मैंने हर जगह मेल भी किया DM ओर CM ऑफ़िस मैं भी ओर पंकज सिंह विधायक नोएडा जी से भी बात हुई लेकिन कोई सहायता नहीं मिली क्यूँकि स्कूल का मालिक भाजपा का नेता है Sks world school @RahulGandhi @priyankagandhi @PMOIndia
— vineetnagar777 (@vineetnagar777) April 13, 2020
वही एनसीआर खबर ने जब इस मामले को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल रेनू कुमार से बात की तो उन्होंने इस तरह की घटना होने से इनकार कर दिया और फोन काट दिया