
भारत सरकार ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग ऐप ज़ूम को असुरक्षित बताया इसी ज़ूम को बीते 15 दिन में तमाम स्कूलों ने ऑनलाइन वीडियो क्लासेस के नाम पर बच्चों के पेरेंट्स से डाउनलोड करने को करवा दिया ।
आपको बता दें गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में बताया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मैप जूम असुरक्षित है
इस एडवाइजरी के फौरन बाद 3 महीने की फीस लेने के इंतजाम में जुटे स्कूलों पर सवाल खड़े हो गए कि आखिर उन्होंने बिना किसी जांच-पड़ताल के जल्दबाजी में ऑनलाइन क्लासेस के लिए हैं इस ऐप को क्यों रिकमेंड किया ?
इस खबर के आने के साथ ही लोगों में भी हड़कंप है लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह क्या करें क्योंकि रूम पर तो वह लॉग इन कर चुके हैं आपको बता दें लोग पहले ही स्कुलो इस समय फीस को ना देने की मुहीम चला रहे है . कई विधायक भी इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके लिए पत्र लिख चुके है
ग्रेटर नॉएडा के एक पैरेंट म्रत्युन्जय झा कहते हैं स्कूल की फीस को गंभीरता से देखा जाए। बिना ट्रांसपोर्ट के ट्रांसपोर्ट का फीस क्यों? एक या दो ज़ूम क्लास जिसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती पूरा फ़ीस क्यों दिया जाए? लॉक डाउन में सब पर असर पड़ा है। कहां से पूरा फ़ीस दे पाएंगे अभिभावक?

संजीव मिश्रा का कहना है कि सरकारी स्कूल मे भी तो अच्छी पढ़ाई होती है ।फीस भी कम लगता है ।हमे बच्चो को वही पढ़ना चाहिए ।
ऐसे में अब समय आ गया है की ऑनलाइन विडियो के नाम पर ज़ूम का प्रयोग करे रहे स्कुलो को इसे रोकना चाहए और स्कुलो द्वारा फीस का दबाब बना रहे स्कुलो को भी सोचना चाहए I
वहीं गृह मंत्रालय ने भी ज़ूम को असुरक्षित बताते हुए कुछ सावधानियां बरतने को कहा है
- हर मीटिंग के लिए नई यूजर आईडी, पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
- वेटिंग रूम को एनेबल करें, ताकि कोई भी यूजर तभी कॉल में शामिल हो सके जब कॉन्फ्रेंस करने वाला अनुमति दे.
- ज्वाइन ऑप्शन को डिसऐबल कर दें.
- स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास रखें.
- किसी व्यक्ति के लिए रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखें.
- फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन का कम से कम इस्तेमाल करें.