गृह मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप रूम को लेकर एडवाइजरी जारी की जिसमें उन्होंने लोगों से अपील की वॉइस ऐप को प्रयोग ना करें इस ऐप में कई ऐसे फीचर हैं जो उनकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार कि इस चेतावनी को उनके विधायक और नेता ही नहीं मानता दिखाई दे रहे हैं गौतम बुध नगर समेत दिल्ली एनसीआर के सभी बड़े भाजपा नेता लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए रूम का प्रयोग कर रहे हैं
ऐसे में समझा जा सकता है कि गृह मंत्रालय की चेतावनी को लेकर भाजपा के नेता ही कितने गंभीर हैं यह मुद्दा से भी बड़ा हो जाता है क्योंकि अगर गृह मंत्रालय की सूचना के अनुसार जून से डाटा और प्राइवेसी की सिक्योरिटी खतरे में हैं तो भाजपा नेताओं के पास तो सरकार से संबंधित बहुत सारी जानकारियां उनके मोबाइल और लैपटॉप में होती होंगी यह जिन पदाधिकारियों से वह बातें कर रहे हैं वह सब बातें भी झूम के जरिए बाहर जा रही होंगी ऐसे में गृह मंत्रालय की चेतावनी को ना मानना देश को खतरे में डालने जैसा काम नहीं है तो क्या है
इस मामले को लेकर जब एनसीआर खबर ने भाजपा के एक नेता से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि बड़े नेताओं के मामले में हम क्या कह सकते हैं हम सिर्फ कार्यकर्ता हैं और हमेशा पार्टी के साथ ही खड़े रहते हैं ज़ूम का प्रयोग करना है या नहीं करना है यह तो हमारे बड़े नेताओं को सोचना होगा
ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि अगर भाजपा के बड़े नेता ही सरकार की बातें नहीं सुन रहे हैं तो कोरोना को लेकर चल रहे सरकार के कार्यक्रम को यह लोग जनता तक कैसे पहुंचा पा रहे होंगे