उत्तर प्रदेश में आगरा, गौतमबुद्ध नगर व राजधानी लखनऊ सहित नौ जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है। इनके साथ ही जिन जिलों में कम पॉजिटिव केस हैं, उनको ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश के 31 जिलें ऑरेंज जोन में हैं। प्रदेश के 36 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है। इन सभी जिलों की समय-समय पर मॉनिटरिंग की जाएगी और बढ़ते-घटते केस पर इनको को ऊपर व नीचे के जोन में शामिल किया जाएगा।
नॉएडा, गाजियाबाद की इंडस्ट्री के लिए लागू होंगी 18 शर्तें
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के अनुसार उद्योगों के संचालन में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। केस टू केस आधार पर इंडस्ट्री की ओर से अनुरोध भी मिल रहे हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़े उद्योगों को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सरकार ने यह फैले लिए है
- प्रथम चरण में समस्त औद्योगिक इकाइयां न्यूनतम आवश्यक श्रमिकों द्वारा चलाई जाएंगी। जिनकी संख्या 50% से अधिक नहीं होगी।
- यह छूट केवल इकाइयों के संचालन हेतु लागू है
- विभिन्न जनपदों के कोविड-19 क्षेत्र में जहां सैनिटाइजेशन और स्क्रीनिंग की कार्यवाही चल रही है, वहां पर कर्मियों और वाहनों के आने-जाने की अनुमति नहीं होगी।
- औद्योगिक परिसर या स्थल का भी राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार पूर्णतः सैनिटाइजेशन करवाना पड़ेगा।
- कार्यस्थल पर आने वाले सभी श्रमिकों, कार्मिकों कि उनकी संख्या के अनुसार स्क्रीनिंग के लिए इंफ्रारेड थर्मल डिटेक्टर और थर्मल थर्मामीटर रखना होगा।
- औद्योगिक इकाई में कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स और हाथ धोने के लिए साबुन पर्याप्त मात्रा में रखना होगा। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग के कांसेप्ट का पूर्ण रूप से पालन करना।
- जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग औद्योगिक इकाइयों में भ्रमण करके यह पूरी तरह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन किया जा रहा है।
- अगर किसी औद्योगिक इकाई द्वारा राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जाएगा तो उस ईकाई को तत्काल बंद कर दिया जाएगा।
- औद्योगिक इकाई के प्रबंधन को कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जा रही संशोधित एडवाइजरी का भी पूरी तरह पालन करना होगा।
- किसी भी श्रमिक अथवा कर्मचारी में वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाएगा।
- इकाई को प्रारंभ करने से पूर्व न्यूनतम 5 और अधिकतम 10 श्रमिकों और कर्मचारियों का आरटी पीसीआर टेस्ट रैंडम आधार पर करवाना होगा। जिससे सुनिश्चित कर लिया जाए कि उनमें इंफेक्शन सर्कलेट नहीं कर रहा है।
- औद्योगिक इकाई द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की के नियमों और प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
- इसके अलावा जिलाधिकारी की ओर से समय-समय पर जारी निर्देशों और शर्तों का अनुपालन औद्योगिक इकाई के प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा।