कोरोना वायरस के डर से होली फीकी ना हो,सामूहिक के जगह पारिवारिक होली बनाएं……
होली प्यार रंग उल्लास एवं ऊर्जा का पर्व हैl इसमें सामाजिक समरसता होती है,सभी धर्मों के लोग मिलकर सामूहिक रूप से मनाते हैं
इस साल करोना वायरस के कारण विदेशों में हजारों जानें चली गई इसका खौफ सोशल मीडिया और मीडिया पर फैल रहा है l लोगों को भीड़ भाड़ वाले स्थान पर सावधान रहने को कहा जा रहा है l
कोरोना वायरस के डर से होली के कई कार्यक्रम कैंसिल हो रहे हैंl इससे लोग विशेषकर बच्चे मायूस हो रहे हैं क्योंकि होली साल में एक बार आता है,लोग जमकर होली का लुफ्त उठाते हैं lलोगो को कोरोना वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है l होली पारंपरिक त्यौहार है,इसकी खुशियां कम नहीं पड़ने दे,इसे पारंपरिक रूप से अपने जानकार मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ घर पर मनाएंl इस प्रकार से होली मनाने में किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है क्योंकि आपको अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों के बारे में पूरी जानकारी होती है,इसलिए संक्रमण का कोई बात ही नहीं होगी
होली में अबीर चंदन एवं फूल का प्रयोग करेंl पानी एवं गीले रंग का प्रयोग बिल्कुल ना करें l इससे जुकाम कफ होने का खतरा बढ़ जाता हैl साफ सफाई का ध्यान रखें lमित्रों एवं रिश्तेदारों को घर के बने लजीज एवं स्वादिष्ट व्यंजन गरमा गरम परोसे ,करोना का वायरस डर कर भाग जाएगा lहमारे दादी नानी मां के जमाने में घर में ही दही बड़े,गुजिया, पकोड़े ,नमकीन एवं कई मिठाइयां घर पर ही बन जाती थी,जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होती थी lइन को बनाने में पारिवारिक प्यार बढ़ता है, बच्चों में भी पारिवारिक मूल्यों का विकास होता है उन्हें पारंपरिक व्यंजन, परंपरा आदि का ज्ञान बढ़ता हैl इसलिए इस बार होली पारंपरिक तरीके से बनाएं होली का लुफ्त उठाएं और करोना वायरस के डर को भगाएं l
सिर्फ सार्वजनिक स्थान,फार्म हाउस,पार्क, होटल रेस्तरां आदि स्थानों में होली कार्यक्रम में जाने से परहेज करें,यहां पर कोई भी व्यक्ति आ सकता है जिससे संक्रमण होने की चांस बढ़ जाते हैंl
बुरा न मानो होली है…. 🎉
शैलेंद्र वर्णवाल( राजनीतिक विश्लेषक)