टेक्नोलॉजी

चंद्रमा के जन्म के दौरान नष्ट होते बची थी पृथ्वी

06_10_2013-6moonearthन्यूयार्क। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चंदा मामा यानी चंद्र देवता के जन्म के दौरान हमारी पृथ्वी नष्ट होते-होते बची थी। अपने नए शोध में अमेरिका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ‘अरबों वर्ष पहले चंद्रमा के निर्माण की प्रक्रिया के दौरान ऐसा विशालकाय सौर गुबार पैदा हुआ था, जिसके प्रभाव से धरती का वातावरण नेस्तानाबूद हो सकता था।’ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के जिस दल ने यह दावा किया है, उसमें भारतीय मूल के वैज्ञानिक सुजय मुखोपाध्याय भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि धरती के शुरुआती वातावरण में ग्रहों के आकार के कई खगोलीय पिंडों के एक-दूसरे से टकराने के चलते ही चंद्रमा अस्तित्व में आए। हार्वर्ड के वैज्ञानिकों के हालिया दावे के विपरीत शोधकर्ता अब तक मानते रहे हैं कि चंद्रमा के जन्म समय पैदा हुए विशालकाय प्रभाव से धरती के वातावरण को कोई खतरा नहीं पैदा हुआ होगा। लेकिन हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने इस धारणा को खारिज कर दिया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘लगभग साढ़े चार अरब वर्ष पहले धरती आज के मुकाबले इतनी तेज रफ्तार से घूमती थी कि उस समय एक दिन करीब दो या तीन घंटे का ही हुआ करता था। इतनी तेज रफ्तार से घूमती हुई पृथ्वी के वातावरण में चंद्र के निर्माण के दौरान पैदा हुए विशालकाय सौर गुबार से यकीनन सब कुछ नष्ट हो सकता था। क्योंकि दो बेहद गतिमान पिंडों के टक्कर से ही भयावह त्रासदी की स्थिति बनती है।’

NCR Khabar News Desk

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