एनसीआर खबर डेस्क I जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद गिलगिट बाल्टिस्तां के लोग भारतीय संविधान पर भरोसा जताते हुए अब वे भी भारत के साथ जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं। गिलगिट के लोगों ने भारतीय संविधान में अपना प्रतिनिधित्व मांगा है, जिससे पाकिस्तान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि गिलगिट बाल्टिस्तां पर पाकिस्तान का अनाधिकृत कब्जा है।
इस बीच, बीते दो दिन से भारतीय संसद में जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर चर्चा को गिलगिट-बाल्टिस्तां के लोग न केवल देख रहे हैं बल्कि गृहमंत्री अमित शाह के भाषण को गंभीरता से सुनते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं मुखर कर रहे हैं। गिलगिट के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्षरत सेंगे एच. सेरिंग ने गृहमंत्री अमित शाह से उन्हें भारत के साथ जोड़ने की मांग की और उन्हें भारतीय संविधान में प्रतिनिधित्व दिया जाए।
#WATCH Senge H. Sering, Gilgit-Baltistan activist: Home Minister Amit Shah has said that PoJK is an integral part of J&K. We believe Gilgit-Baltistan is an integral part of J&K. We are extension of Ladakh & we ask for our rights in constitutional framework of India pic.twitter.com/jIWwRdNB0q
— ANI (@ANI) August 6, 2019
सेंगे एच सेरिंग ने कहा ‘गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके जम्मू-कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है और हम मानते हैं कि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा है। हम लद्दाख का विस्तार हैं और हम भारतीय संघ और संविधान के तहत अपने लिए अधिकार की मांग करते हैं।’
सेरिंग ने कहा, ‘वहां की विधायी इकाई में हम अपना प्रतिनिधित्व मांगते हैं। जो केंद्र शासित प्रदेश बने हैं वहां के रिजर्व सीटों पर गिलगित-बाल्टिस्तान के लिए सीटें होनी चाहिए। हम समझते हैं कि राज्यसभा और लोकसभा में हमारा प्रतिनिधित्व होना चाहिए। हम अभिन्न हिस्सा हैं।’
लोकसभा में चर्चा के दौरान आर्टिकल 370 पर सरकार के फैसले का विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं ने पीओके का मुद्दा उठाया जिसपर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, ‘जब मैं जम्मू-कश्मीर की बात करता हूं तो उसका मतलब पीओके से होता है। हम पीओके वापस लेने के लिए जान दे देंगे।’