
नोएडा के सेक्टर-70 स्थित सफायर इंटरनेशनल स्कूल की बस में नर्सरी की छात्रा से दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि कार्रवाई का आश्वासन देकर स्कूल प्रबंधन ने १५ दिन तक इस मामले को दबाए रखा। गुरुवार को बच्ची की मां की तहरीर पर सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ दुष्कर्म व पॉस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी चालक की पहचान कर ली है।
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के मुताबिक़ बच्ची के पिता बिजनेस मैं है जबकि माँ गुरुग्राम में नौकरी करती है I पुलिस को दी हुई शिकायत में बच्ची की माँ ने बताया कि उनकी बेटी नॉएडा के सेक्टर ७० स्थित सफायर इंटरनेशनल स्कुल में पढ़ती है , 9 अक्तूबर को जब वो स्कुल बस से उतरी तो रोने लगी जिसके बाद उसने अपनी माँ को सब बातें बतायी I माँ ने वो सब बातें फोन में रिकार्ड करी है I
स्कुल प्रबन्धन पर १५ दिनों तक घटना को दबाये रखने का आरोप
पीड़ित परिवार ने सफायर इंटरनेशल स्कुल के प्रबंधन पर १५ दिनों तक इस मामले को दबाये रखने का आरोप लगाया I उन्होंने कहा की उन्होंने उसी समय प्रिंसिपल को स्की सुचना दी लेकिन उन्होंने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया I पुलिस ने महिला की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं स्कुल से जुडी टीचर ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया I पुलिस में शिकायत के बाद स्कुल ने ड्राइवर को पुलिस को सौंप दिया है , हालांकि १५ दिनों तक स्कुल इस बात को क्यूँ छिपाता रहा इस पर उन्होंने जबाब देने से मन कर दिया I परिवार के मुताबिक़ अगले ही दिन बच्ची को लेकर जब परिवार स्कुल गया तो बच्ची ने आरोपी ड्राइवर को पहचान लिया
ग्रेटर नोएडा के एसपी देहात विनीत जायसवाल के अनुसार की मां ने सूरजपुर कोतवाली में तहरीर दी है। जिसमें अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी ड्राइवर की पहचान कर ली है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आखिर क्यूँ नहीं रहे है बड़े स्कुल भी बच्चो के लिए सुरक्षित
दिल्ली एनसीआर में एक के बाद एक नामी स्कुलो में जिस तरह से सपोर्ट स्टाफ द्वारा बच्चो के साथ यौनाचार की घटनाओं की एक के बाद एक घटनाएं आ रही है , उससे इन स्कुलो पर प्रशन चिह्न लगता है प्रशासन अक्सर ऐसे मामलो में बेबस नजर आता है अपने प्रभाब के चलते उनको इन महंगे स्कुलो में घुसने भी नहीं दिया जाता है
अविभावक संघ से जुड़े समाजसेवी अम्बुज सक्सेना कहते है ऐसा लगता है आम आदमी को अब अपने बच्चो की सुरक्षा खुद ही करनी पड़ेगी I लगातार हो रही ऐसी घटनाओ से ऐसे महंगे स्कुलो से विश्वाश उठता है
भारत जागरूक नागरिक संगठन के अध्यक्ष और समाजसेवी शैलेन्द्र बरनवाल ने इसे शिक्षा माफिया का संगठित अपराध बताया, उनके अनुसार ऐसी घटनाएं सरकारी स्कुलो में नहीं आती है जबकि इन महंगे स्कुल में ऐसी घटनाएं होती है I इसके खिलाफ समाज को एक होना पड़ेगा
पैन ओएसिस नॉएडा में रहने वाले अभिवावक जगदीश सक्सेना कहते है की स्कुलो के सपोर्टिंग स्टाफ पुलिस वेरिफिकेशन का प्रमाण पत्र अभिभावकों के साथ भी शेयर होनी चाहए I स्कुलो में आजकल बस खानापूर्ति होनी चाहए I स्कुल बसों में CCTV लगे होने चाहए और उनका एक्सेस अभिभावकों के पास होना चाहए
नॉएडा में मनोचिक्त्सक एवं समाजसेवी डा रेनू वर्मा इस स्थिति को बेहद गंभीर मानती है I समाज में बच्चियों के साथ हो रहे योनअपराध एक विक्रति हैं और इसके लिए फिल्मो और इंटरनेट के माध्यम से बढ़ती अश्लीलता भी बहुत हद तक ज़िम्मेदार है