घर बना सपना प्रोजेक्ट हुए रद्द

नई दिल्ली: एनसीआर में यमुना एक्‍सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने छह बिल्‍डों के 17 प्रोजेक्‍टों को रद करने का फैसला किया है।अथॉरिटी का कहना है कि बेचने से पहले इनका ले-आउट अप्रूवल नहीं लेने के चलते ऐसा किया गया।इससे बड़ा नुकसान उन हजारों निवेशकों पर पड़ना तय है जो एक आशियाने की तलाश में इन प्रोजेक्‍टों में निवेश कर बैठे थे।रद किए गए प्रोजेक्‍ट जेपी, गौड़ संस, अजनारा जैसे नामी-गिरामी रियल एस्‍टेट फर्मों से संबंधित हैं।उल्‍लेखनीय है कि जेपी समूह को 168 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे बनाने के बदले निर्माण शर्तों के मुताबिक नोएडा से लेकर आगरा तक पांच जगहों पर पांच-पांच सौ हेक्टेयर जमीन दी गई थी। इसी में से कुछ जमीन जेपी समूह ने कई बिल्‍डरों को बेच दी थी। माना जा रहा है कि इसके बाद इन्‍होंने प्रोजेक्‍ट तो लांच कर दिए लेकिन ले-आउट अप्रूवल प्‍लान नहीं लिया।

बताया जा रहा है कि रद हुए प्रोजेक्‍ट्स में से 11 बिल्डर परियोजनाएं अकेले जेपी समूह की हैं और बाकी छह अन्‍य रियल एस्‍टेट फर्मों के हैं।दरअसल ले-आउट अप्रूवल से पहले इससे संबंधित आपत्तियों का बिल्‍डरों को निस्‍तारण करना होता है।बिल्‍डरों को 2014-16 के दौरान ऐसा कराना जरूरी था लेकिन जब इन्‍होंने किसी तरह का कोई रिस्‍पांस नहीं दिया तो अथॉरिटी ने मामले की जांच की तो पता चला कि 17 प्रोजेक्‍टों का ले-आउट अप्रूवल नहीं है।लिहाजा इनको रद कर दिया गया।

हालांकि इन परियोजनाओं में वास्‍तविक रूप से कितने निवेशकों का पैसा लगा है, उसकी संख्‍या का अभी पुख्‍ता तौर पर आंकड़ा उपलब्‍ध नहीं है।हालांकि माना जा रहा है कि लाखों वर्ग मीटर की इन परियोजनाओं में हजारों की संख्‍या में निवेशकों का पैसा फंस सकता है।