एन सी आर खबर डेस्क I ५ बज चुके हैं , अब सभी दलों का चुनावी प्रचार ख़तम हो जाएगा , इसी के साथ नॉएडा में शुरू हो जाएगा चुनावी महोत्सव में प्रत्याशियों की किस्मत का काउंटडाउन I नॉएडा यूँ तो पूर्णतया शहरी सीट हैं लेकिन इसमें बीच बीच में गाँव मौजूद होने से यहाँ राजनैतिक समीकरण हमेशा ही विरोधाभास लिए होते है I ऐसे में राजनैतिक दलों में सभी को खुश कर पाना असंभव ही होता है I
देखा जाए तो नॉएडा में ब्राह्मण, गुर्जर, यादव, ठाकुर वोटो के समीकरन सभी राजनैतिक दलों के दिमाग में रहे और उनको प्रभावित करने की पूरी कोशिश भी की गयी है लेकिन इसी सीट पर शहरी वोटर्स के तोर पर अपनी पहचान रखने वाले लगभग ५% कायस्थ वोटर्स को किसी भी राजनैतिक दल ने कोई भूमिका नहीं दी है I
नॉएडा में कायस्थ समाज आम तोर पर भाजपा का साइलेंट वोटर माना जाता रहा है मूल रूप से नौकरी और प्रोफेशनल्स के तोर पर ही अपनी पहचान रखने वाले इस समाज की नॉएडा में भले ही भूमिका महत्वपूर्ण हो लेकिन चुनावों के समय उसके वोट की भूमिका को नकारना भी कम से कम भाजपा को बहुत महंगा पढ़ सकता है
कायस्थ समाज को भाजपा का वोटर माना जाता है इसलिए इसको बाकी दलों द्वारा नजरअंदाज करना समझा जा सकता है इसलिए इसको लेकर बाकी किसी भी दल में कोई विशेष तैयारी ना ही दिखी है और ना ही कोई गंभीर रहता है I लेकिन भाजपा में भी इसको लेकर जैसा उत्साह या अप्रोच होनी चाह्यी थी वो भी नहीं दिखा है
गौरतलब है की बीते दिनों में भाजपा ने पंकज सिंह के दौरे कायस्थ समाज को छोड़ सभी जातियों को ध्यान में रख कर तय किये है , हमारे सहयोगी न्यूज़ पोर्टल कायस्थ खबर की माने तो वोटर्स के तोर पर जिस तरह कायस्थ समाज को नजरअंदाज किया गया है उससे भी कायस्थ समाज का एक बड़ा हिस्सा चुनावों को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहा है I सेक्टर्स में रहने वाले अधिकाँश युव्वाओ के लिए चुनावों में कोई पहचान ना होना वोटिंग के लिए उदासीन भी बनाता है I ऐसे में भाजपा को अपने कहे जाने वाले वोटर्स को इस तरह से नजरअंदाज करना नुक्सान भी पहुंचा सकता है I