
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार (25 अक्टूबर) को भाजपा व केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रदेश व कुछ अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव के मददेनजर तीन तलाक एवं एक समान नागरिक संहिता जैसे शरीयत से जुड़े धार्मिक मुद्दों को लेकर नया विवाद खड़ा कर रही है जो कि अति-निन्दनीय है। मायावती ने एक बयान में कहा कि जब से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है तबसे भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संकीर्ण, साम्प्रदायिक व कट्टरवादी एजेण्डे को किसी-न-किसी रुप में देश के लोगों के ऊपर थोपने में लगी हुई है। उन्होंने कहा, ‘ताजा विवाद में मुस्लिम पर्सनल ला व तीन तलाक के शरीयत से सम्बंधित मुद्दे तथा अत्यन्त ही संवेदनशील कामन सिविल कोड (एक समान नागरिक संहिता) के मसले को छेड़ दिया गया है। इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान होने का दर्जा छीन कर एक सुलझे हुये मामले को दोबारा से शुरू कर विवाद पैदा कर दिया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुस्लिम और उनके शरियत में बीजेपी और प्रधानमंत्री का पड़ना देश हित में नहीं है। वह भी ऐसे वक्त में जब चुनाव आने वाले हैं।’