समझिये कि कैसे ये कंपनियां अपनी रणनीति बदल रहीं हैं – अक्षय किलेदार
हम लोग पश्चिम के ज्ञान से इतने भयाक्रांत रहते हैं कि अपनी अच्छी चीजों की भी मार्केटिंग नहीं कर पाते । दरअसल शिकस्तों की लंबी श्रृंखला ने न सिर्फ हमारा आत्मबल कमजोर किया है बल्कि हमें अनुकरणवादी भी बना दिया है । हमें आज भी जीतने की आदत नहीं है , हाँ धोखे या भाग्य से मिली जीत अलग है किंतु हमारे स्वभाव विजेताओं के स्वभाव नहीं हैं । यही सबसे महत्वपूर्ण जंग है जो हमें लड़नी है । आज एक बाबा रामदेव ने अपनी थाती की ताकत पहचान कर बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को घुटनों पर ला दिया है । कोलगेट , यूनीलीवर , कैडबरी जैसी कंपनियों को सिर्फ अपनी रणनीति ही नहीं बदलनी पड़ी बल्कि भारतीय मान्यताओं , विस्वासों और खोजों को भी आगे करना पड़ा ।
अब संलग्न चित्र को ज़ूम कर के देखिये और समझिये कि कैसे ये कंपनियां अपनी रणनीति बदल रहीं हैं ।
एक शेर के साथ बात का समेटन …..
इब्तिदाए इश्क़ में रोता है क्या ,
आगे-आगे देखिये होता है क्या ।