तीस्ता के बैंक खातों पर गुजरात हाईकोर्ट का आदेश सुरक्षित
गुजरात उच्च न्यायालय ने आज सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद के निजी बैंक खातों और उनके एनजीओ ‘सबरंग ट्रस्ट’ और ‘सिटिजन्स फार जस्टिस एंड पीस’ के खातों से लेनदेन पर लगी रोक हटाने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा। तीस्ता के वकील मिहिर देसाई ने अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा की कार्रवाई के खिलाफ अपनी दलीलें पूरी की जिसके बाद न्यायमूर्ति जीआर उधवानी ने आदेश सुरक्षित रखा। विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों का हवाला देते हुए देसाई ने कहा कि जांच एजेंसी को खातों पर रोक लगाने से पहले नोटिस देना जरूरी होता है, जबकि ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को तीस्ता से बांड हासिल करने के बाद उसे उसके खाते से लेनदेन की अनुमति देनी चाहिए थी जो इस तरह के मामलों में नियमित प्रक्रिया है। देसाई ने कहा कि आप खातों पर रोक लगा सकते हैं बशर्ते खोजे गये अपराध की जांच में उसकी जरूरत हो। इस मामले में वे रिवर्स गियर में जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से दो खाते एफसीआरए खाते हैं जिस पर स्थानीय पुलिस द्वारा रोक नहीं लगाई जा सकती। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ऐसा कर सकते हैं लेकिन स्थानीय पुलिस नहीं।