
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के गौरव की चर्चा करते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की ‘आप’ की मांग दोहराई और कहा कि वह इसके लिए संघर्ष के किसी हद तक जाएंगे। राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन में दिल्ली सरकार पर उप राज्यपाल की सर्वोच्चता करार देने वाले उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक सभा में उपस्थित हुए केजरीवाल ने जानना चाहा कि दिल्ली के किसी निवासी के वोट का ‘मूल्य’ हरियाणा के किसी नागरिक की तुलना में क्यों कम है जहां सरकार को ‘पूरी शक्ति’ हासिल है।
धर्मशाला से 10 दिन की विपश्याना से लौटे मुख्यमंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए और किसी की सीधी चर्चा किए बगैर कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए किसी भी हद तक जा कर संघर्ष जारी रखेगी क्योंकि सरकार के ‘उच्च स्तर पर गुंडे’ दिल्ली के काम में बाधा डाल रहे हैं। केजरीवाल ने नजफगढ़ के खेड़ा डाबर में राज्य सरकार संचालित चरक संस्थान में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा, ‘क्यों दिल्ली के नागरिकों के वोट का मूल्य हरियाणा के वोटरों से कम हो? क्यों हरियाणा के वोटरों की ओर से चुनी सरकार की शक्ति दिल्ली से ज्यादा हो? यह दिल्ली के नागरिकों का अपमान है जो गलत है…यह उनकी अस्मिता पर हमला है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोग इस देश का एक हिस्सा हैं और चूंकि हम भारत की राजधानी हैं और इसका मतलब है कि हमें बराबरी की शक्ति रखने का ज्यादा अधिकार है, लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे वोटों का ‘कोई मूल्य नहीं’ है। उन्होंने कहा, ‘चौधरी ब्रह्म प्रकाश जी की तरह एक बार हम कुछ करने का फैसला कर लें, और इसके लिए अगर अपनी उंगली भी थोड़ा टेढ़ी करने की मुझे जरूरत हुई तो हम इसे खुद से करेंगे।’ केजरीवाल ने कहा, ‘कई बारी सीधी उंगली से घी नहीं निकलता, फिर उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है।’