
गुवाहाटी: सर्बानंद सोनोवाल आज सर्वसम्मति से असम में भाजपा विधायक दल के नेता चुन लिये गए जिससे उनके राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया। वहीं, सोनोवाल ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया है और उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।
असम विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा विधायकों की पहली बैठक में पार्टी विधायक हिमंत विश्वशर्मा ने सोनोवाल का नाम सदन में पार्टी के नेता के रूप में प्रस्तावित किया। विधायक पी फूकन, अतुल बोरा, अंगूरलता डेका, भबेश कलिता, ए सी जैन ने सोनोवाल के नाम का समर्थन किया। इस बैठक में भाजपा की केंद्रीय इकाई के पर्यवेक्षक के तौर पर भाग लेने वाले केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने सर्वसम्मति से सोनोवाल के विधायक दल के नेता चुने जाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए सोनोवाल ने कहा, ‘हमारे अंदर एकता का जज्बा है और हमें लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरना है।’ मोदी से कल हुई अपनी भेंट का जिक्र करते हुए सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी से समाज के सर्वांगीण विकास के वास्ते ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, उन्होंने (मोदी ने) कहा कि हमें सभी के लिए काम करने का मौका मिला है। वह हर जरूरत में हमारे लिए मौजूद हैं। हमें अधूरे कार्यों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि असम में अपने दम पर भाजपा द्वारा 60 सीटें जीतना खुद उनके लिए अप्रत्याशित है। सोनोवाल ने कहा, लोगों ने पूरे दिल से हमारे पक्ष में जनादेश दिया। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। अब हमारी बड़ी जिम्मेदारी है।
बैठक के बाद, जब मीडिया ने उनसे उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछा, तो सोनोवाल ने कहा कि असम समझौते का क्रियान्वयन उनके लिए शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने पूर्व वरिष्ठ और अगप नेता प्रफुल्ल कुमार महंत से साथ काम करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है और वह उनसे मार्गदर्शन लेंगे।