
दिल्ली विश्वविद्यालय के निलंबित प्रोफेसर जी एन साईबाबा ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के निर्देश के अनुसार केंद्रीय जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
कारा सूत्रों ने आज बताया कि साईबाबा ने कल रात खुद को जेल अधिकारियों के हवाले कर दिया। वह 31 दिसंबर तक जमानत पर थे।
23 दिसंबर को पीठ ने उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 48 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति अरूण चौधरी ने साईबाबा को आत्मसमर्पण करने के लिए अधिक वक्त देने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था और पुलिस को निर्देश दिया कि अगर वह दो दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
अदालत ने एक मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि साईबाबा जब नागपुर जेल में बंद थे तो चिकित्सकों ने उन्हें उचित चिकित्सा सहायता दी।
व्हीलचेयर पर बैठे प्रोफेसर के वकीलों ने स्वास्थ्य आधार पर उनकी जमानत बढ़ाने की बात कही थी।
साईबाबा को मई 2014 में महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने नक्सलियों के साथ कथित सक्रिय संबंधों के मद्देनजर गिरफ्तार किया था।