नीतीश की मुलायम को नसीहत : ऐसा फैसला न करें, जिससे हो नुकसान
पटना। महागठबंधन से अलग होकर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने के समाजवादी पार्टी के फैसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि मुलायम इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं लें जिससे उनको भी नुकसान हो।
दो दिन पहले उनकी मुलायम सिंह यादव से बात हुई थी, तब ऐसी कोई बात नहीं की उन्होंने। हम लोग तो इस समझ के साथ चल रहे थे कि अगर सब दल मिल जाएंगे तो मुलायम सिंह यादव उसके अध्यक्ष होंगे।
वैसे जहां तक उनकी समझ है, अभी अंतिम तौर पर कोई फैसला नहीं हुआ है। झोली में सीट दिए जाने का प्रश्न तो गौण है। हम एक दल बनाने के काम लगे थे, पर यह नहीं हुआ। विलय पर सपा के लोगों ने ही कह दिया था कि हम डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
एक समाचार चैनल के चुनाव पर आधारित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना संभव नहीं है। अगर कोई गलतफहमी हुई है तो उसे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है।
हमलोग मुलायम सिंह यादव की इज्जत करते हैं। मुख्यमंत्री से जब यह सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी इतनी तल्खी क्यों है? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने किसी को नहीं छेड़ा, पर अगर मुझे कोई छेड़ेगा तो हम छोड़ेंगे नहीं। यह मत समझिए कि बिहारी भुच्चड़ है क्या जवाब देगा? आर्यभïट्ट की धरती है, पूरा हिसाब-किताब रखते हैं लोग।
अरविंद केजरीवाल से राजनीतिक संबंध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे हमारी कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। बिहार में कांग्रेस हमारे साथ है। केजरीवाल कांग्रेस के साथ कैसे आ सकते हैं? मुख्यमंत्री से सवाल किया गया कि आप नरेंद्र मोदी की नकल कर सोशल मीडिया में सक्रिय हो गए हैं?
इस पर उन्होंने कहा कि ब्लॉग तो पहले से था और फेसबुक पर भी सक्रिय थे। हां ट्विटर पर जरूर नया-नया आया हूं। अपनी बात उन तक पहुंचानी है। अब क्या-क्या सीखें मोदी जी से। हम तो उनकी इज्जत करते हैं कि कैसे फाइनांस कमीशन के पैसे को उन्होंने भागलपुर में अपना पैसा समझ लिया।
चुनाव के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोगों ने जिता दिया तो पांच साल तक खटना पड़ेगा। नहीं जिताया तो मुक्त रहेंगे। हम तो इस स्पिरिट में हैं। इतने दिनों तक काम किया, यही कम है क्या। यह बड़ी बात है कि कोई हमें कामचोर और बेईमान नहीं कह सकता।
इससे बड़ा पुरस्कार कोई और नहीं। वोट देना न देना तो अलग बात है। स्वाभिमान रैली में मंंडल पार्ट टू और जातिगत मुद्दा उठने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह ने जब ओबीसी पीएम कहा तो वह जातिवाद नहीं था क्या? मांझी के हटाने पर उन्होंने कहा कि केशुभाई पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी सीएम बने थे, इसका क्या उत्तर है। ठेहुना से लोर बहा रहे हैं भाजपा वाले।