जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने रविवार को श्रीनगर में लाल चौक पर राज्य का झंडा फहराया और पीडीपी-भाजपा सरकार को कहाकि वे सात जून को राज्य झंडा दिवस घोषित करे। विधायक इंजीनियर राशिद ने मांग रखी कि दिल्ली के कश्मीर हाउस में भी राज्य का झंडा फहराया जाए।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक विधायक इंजीनियर राशिद ने कहा कि, ‘जो कहते हैं एक विधान, एक निशान, एक प्रधान’ उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्हें जानने की जरूरत है कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से अलग राज्य है और दिल्ली से उसका रिश्ता शर्तो पर आधारित है।
राशिद ने अपने भाषण में में कहा कि, जब तक कि नई दिल्ली द्वारा 1952 समझौता लागू नहीं होता और उसका सम्मान नहीं होता कश्मीरी शांति से नहीं बैठेगा। इसके अभाव में कश्मीरी लोगों को भारत के साथ अपने रिश्तों को लेकर सोचने को मजबूर होना पड़ेगा।
राशिद ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वह राज्य झंडे और संविधान कह गरिमा बनाए रखने के लिए कदम उठाए। उन्होंने कहाकि, कोई यह ना भूले कि हाईकोर्ट जज जम्मू-कश्मीर संविधान के तहत ही चुने जाते हैं।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर सरकार को मंत्रियों की कार पर राज्य झंडा दिखाने के आदेश को वापस लेना पड़ा था। सरकार में साझेदार भाजपा के विरोध के चलते यह आदेश वापस लिया गया। लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग से इस विवाद को सुलझा लिया गया था।
इंजीनियर राशिद ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वह ‘राज्य झंडा और जम्मू-कश्मीर के संविधान की गरिमा’ पुनर्स्थापित करें। उन्होंने कहा कि सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों यह नहीं भूलना चाहिए कि वे सर्वोच्च न्यायिक पदों के लिए जम्मू-कश्मीर का अपने संविधान के माध्यम से चयनित हुए हैं।