सोर्स :NBT ,लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग पर की गईं टिप्पणियों और उनसे टकराव को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विरोधियों और कभी साथी रहे योगेंद्र यादव के निशाने पर हैं। योगेंद्र यादव ने लेफ्टिनेंट गवर्नर से केजरीवाल के टकारव को अहम का मामला बताया और कहा कि मुख्यमंत्री अपरिपक्व तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।
बीजेपी की ओर से दिल्ली में मुख्यमंत्री की उम्मीदवार रहीं किरन बेदी ने सुबह ट्वीट करके कहा, ‘टीवी इंटरव्यू में केजरीवाल ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह आपत्तिजनक है। मुझे लगता है कि इस पर कोर्ट में सवाल किया जाना चाहिए वर्ना यह एक खराब उदाहरण बन जाएगा।’ किरन आगे लिखा है, ‘क्यों दिल्ली के मुख्यमंत्री खाइयों को पाटने के बजाय मतभेदों को और गहरा करने में जुटे हैं? शासन के लिए सहयोग की जरूरत है न कि टकराव की।’
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने नजीब जंग के बारे में केजरीवाल की भाषा को बचकाना बताया है। पात्रा ने कहा है कि ऐसी भाषा में बचपना झलकता है और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए ऐसे शब्द नहीं इस्तेमाल किए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि एनडीटीवी से इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल ने नजीब जंग पर बेहद तीखा हमला किया था। उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर केंद्र और बीजेपी के इशारों पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर एलजी को अमित शाह का चौकीदार भी बुला दे, तो वह रेंगते हुए जाएंगे। केजरीवाल ने इसके साथ ही पीएम मोदी को चुनौती भरे लहजे में कहा कि वह उन्हें राहुल गांधी समझने की भूल न करें।
योगेंद्र यादव ने केजरीवाल-नजीब जंग के बीच बढ़ते टकराव को अहम का मामला बताते हुए दिल्ली के सीएम पर निशाना साधा। उन्होंने ने कहा, ‘दुर्भाग्य से हम जो देख रहे हैं वह टकराव है, अहम का टकराव और अस्थिरता है। मुझे डर है कि वास्तविक मुद्दों से इस तरह से निपटना प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला साबित होगा।’ यह पूछे जाने पर कि खुद को पार्टी से बाहर किए जाने पर क्या उन्हें कोई अफसोस है, उन्होंने कहा, ‘यह कहना मूर्खता होगा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है, यह कहना बेवकूफी होगी कि मुझे इस तरह धक्के खाना पसंद है और यह नासमझी होगी कि इस तरह से पछतावा करते हुए जिंदगी गुजारी जाए।’
योगेंद्र यादव ने कहा कि राजनीति में पहली बार एंट्री करने वाले लाखों लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और स्वराज आंदोलन के जरिए उन्हें साथ लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में वैकल्पिक राजनीति के प्रति एक बार उनमें फिर से उम्मीदें जगी हैं। ‘स्वराज अभियान’ चलाने वाले यादव ने यह भी कहा कि अब उन्होंने राजनीतिक दल नहीं बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह ‘आप’ पर फोकस नहीं कर रहे हैं जो महज एक क्षेत्रीय पार्टी है, बल्कि उनका मंच देश में वैकल्पिक राजनीति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है और यह बिहार और कुछ अन्य चुनावी राज्यों में कुछ उम्मीदवारों का समर्थन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों के मुद्दे पर केजरीवाल ने जो नीति अपनाई है वह प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली है। केजरीवाल का नाम लिये बिना यादव ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत वास्तविक मुद्दे को बहुत ही अपरिपक्व तरीके से उठाया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दिल्ली को पूर्ण राज्य होना चाहिए। दिल्ली की एक निर्वाचित सरकार के पास किसी भी अन्य निर्वाचित सरकार की तरह अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण का अधिकार होना चाहिए। दुर्भाग्य है कि हमारा संविधान और कानून अभी इसकी इजाजत नहीं देता।’ यादव ने कहा कि जहां हम थे और जहां हमें होना चाहिए, उसमें बदलाव बहुत धैर्य, बातचीत और विनम्रता से होनी चाहिए।