संसद में मोगा बस कांड की गूंज, बादल परिवार निशाने पर
पंजाब में हुए मोगा बस कांड की गूंज संसद में सुनी गई। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की कोशिश की।
विपक्ष इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव लेकर आई। हालांकि उनका ये प्रस्ताव गिर गया। इसके बाद भी विपक्ष का हंगामा लगातार जारी रहा। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्रवाई पहले 11.20 बजे तक फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
वहीं राज्यसभा में भी कांग्रेस ने मोगा बस कांड के जरिए पंजाब में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए। कांग्रेस की ओर से पहले अंबिका सोनी ने इस मुद्दे को सदन के सामने रखा। हालांकि वहां भी भारी हंगामे के चलते कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।12 बजे दोनों सदनों में कार्रवाई शुरू होते ही एक बार फिर से मोगा मामला उठाया गया। उच्च सदन की कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस ने फिर से पंजाब सरकार को घेरते हुए कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की मांग रखी।
इस बार गुलाम नबी आजाद ने मोर्चा संभाला। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब मांगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस बस में पूरी वारदात हुई उसके मालिकों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इससे पहले हंगामा बढ़ता देख राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू सामने आए। उन्होंने विपक्ष की ओर से की जा रही मांग पर कोई जवाब नहीं दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस मुद्दे पर विपक्ष जवाब मांग रहा है उसको लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया है। वहीं इस मामले में बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है।पूरा मामला 29 अप्रैल को सामने आया। जब मोगा में ऑर्बिट बस सर्विस की बस में एक नाबालिग लड़की और उसकी मां से छेड़खानी की कोशिश की गई। जैसे ही उन्होंने इस छेड़खानी का विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें चलती बस से नीचे फेंक दिया। इस घटना में नाबालिग लड़की की मौत हो गई थी। वहीं गंभीर रूप से घायल उसकी मां का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
बस में सरेआम हुई इस घटना के बाद से पंजाब में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस मामले विवाद इसलिए भी गहराया कि जिस ऑर्बिट कंपनी में ये घटना हुई उसका मालिकाना हक बादल परिवार के पास है। ऐसे में पीड़ित परिवार ने मामले में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
इसी को लेकर संसद में ये मुद्दा उठा और विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। दरअसल, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की सरकार है। जो केंद्र सरकार में भी शामिल है।