मनोज एनकाउंटर : मनोज को लगी उसकी ही बंदूक की गोली !

सागर रत्ना रेस्टोरेंट में हुए मुठभेड़ के मामले की एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। संयुक्त आयुक्त के नेतृत्व में गठित टीम ने बुधवार को रेस्टोरेंट पहुंचकर घटना को रीक्रिएट किया। साथ ही पुलिस टीम ने सागर रत्ना के मालिक व घटना के समय मौजूद उनके स्टाफ से पूछताछ की।
सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ अधिकारियों ने अभी तक की जांच में पाया है कि मनोज को उसकी ही गोली लगी है। पूछताछ के बाद पुलिस को आशंका है कि पुलिसकर्मियों से गुत्थम गुत्था के दौरान मनोज के पिस्टल से गोली चली और खिड़की से टकराने के बाद उसके सिर में लगी होगी।
जबकि भूप सिंह की चलाई गोली भी खिड़की से टकराती हुई उसके कमर को छूती हुई निकल गई। हालांकि एसआईटी के अधिकारियों का कहना है कि गोलियों के फोरेंसिक व ब्लास्टिक रिपोर्ट आने के बाद ही जानकारी सामने आ पाएगी। रिपोर्ट से खुलासा हो पाएगा कि मनोज के पिस्टल से चली गोली से उसकी मौत हुई है या फिर सब इंस्पेक्टर भूप सिंह की चलाई गोली उसके सिर में लगी।दो घंटे तक की जांच में मध्य जिला के पुलिस उपायुक्त परमादित्य सहित टीम के अन्य सदस्यों ने सागर रत्ना रेस्टोरेंट के मालिक और घटना के समय रेस्टोरेंट में मौजूद स्टाफ से पूछताछ की। अब पुलिस उन सात लोगों से पूछताछ की तैयारी कर रही है जो घटना के समय मनोज के साथ मौजूद थे। जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
उधर, विजिलेंस विभाग ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मनोज के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि गत 29 अप्रैल को स्पेशल सेल के कुछ पुलिसकर्मियों ने धौलाकुआं पर रोककर मनोज से उगाही की थी।
विजिलेंस की टीम ने उस समय मनोज की गाड़ी चला रहे ड्राइवर से उनकी पहचान करने में जुटी है। विजिलेंस विभाग ने ड्राइवर को मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों का फोटो दिखाकर उनकी पहचान करने में जुटी है।