फूलों से लकदक सजे जोरावर सिंह सभागार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में इंद्रधनुषी संस्कृति के अलग-अलग रंग दिखे। साथ ही पीडीपी और भाजपा के बीच वैचारिक और राजनीतिक विरोधाभास का रंग भी दिखा। दोनों दलों के मंत्रियों के पहनावे तथा शपथ की भाषा में भी फर्क रहा।
खचाखच भरे सभागार में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूट पहनकर आए थे। मुफ्ती सूट में थे तो भाजपा के डा. निर्मल सिंह कुर्ता पायजामा में। पीडीपी कोटे के मंत्री इमरान रजा अंसारी ने अल्लाह के नाम पर शपथ ली। हैट पहने जावेद मुस्तफा मीर ने भी अल्लाह के नाम पर शपथ ली।
आसिया नक्कास हाई हील्स में दिखीं। इसके ठीक विपरीत भाजपा के लाल सिंह भगवा साफा बांधे हुए थे। उन्होंने डोगरी में शपथ ली। सुनील शर्मा कुर्ता पायजामा में रहे। भाजपा के ज्यादातर मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली।
पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन पठान सूट में थे। बाली भगत ने शपथ लेने के बाद जय भारत कहा। शपथ ग्रहण खत्म होने पर राष्ट्रगान समाप्त होते ही भाजपा समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। पीडीपी खेमा इस दौरान शांत रहा।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा-पीडीपी के रिश्तों की गर्माहट भी दिखी। मुरली मनोहर जोशी ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को गले लगाकर आर्शीवाद दिया। वह समारोह के दौरान लगातार पीडीपी अध्यक्ष से बातचीत भी करते रहे।
शपथ ग्रहण के क्रम में मुफ्ती हर सदस्य के बारे में मोदी को बताते रहे। इस जानकारी को मोदी ने नए मंत्रियों को बधाई देने के क्रम में उपयोग भी किया। राम माधव ने सज्जाद लोन और हसीब द्राबू को गले लगाया।
लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह अगल-बगल बैठे थे लेकिन एक बार भी उनके बीच संवाद होता नहीं दिखा। आडवाणी हाथ जोड़े खामोश रहे। वे मंच पर होते हुए भी अलग-थलग नजर आ रहे थे।
भाजपा और पीडीपी के सांसद जुगल किशोर शर्मा, हमीद कर्रा, महबूबा, थुपस्थन छिवांग, मुजफ्फर हुसैन बेग, मंत्री जितेन्द्र सिंह और पार्टी प्रभारी अविनाश राय खन्ना भी मंच पर आसीन थे।