सीबीआई के एक पूर्व डायरेक्टर पी सी शर्मा ने सिक्योरिटी प्रिंटिंग और मिंटिग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के कुछ टॉप अधिकारियों का नाम लेते हुए एक रिपोर्ट तैयार की है।
इस रिपोर्ट के अनुसार 2012 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की मिल में नोट छापने में सिक्योरिटी को ताक पर रखा गया था। इसमें नोट में पड़ने वाले ऐसे सिक्योरिटी तार का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर अरबी भाषा लिखी हुई थी।
आपको बता दें कि किसी भी नोट का सिक्योरिटी तार उसके असली या नकली होने की पहचान के लिए सबसे जरूरी मानकों में से एक है।अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधीन आ गया है, जिस पर हाल ही में इसके बारे में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने केन्द्र, एसपीएमसीआईएल और इसके डायरेक्टर एम एस राना को एक नोटिस भी जारी कर दिया है।
इस जनहित याचिका में रानी की योग्यता पर भी सीएमडी के पद को लेकर सवाल उठाए गए हैं। याचिका के अनुसार उन्हें सेंट्रल विजिलेंस कमीशन से मंजूरी मिले बिना ही नियुक्त कर दिया गया है। कोर्ट ने इसे लेकर सीवीसी को भी एक नोटिस जारी किया है।
आईपीएस ऑफिर पी सी शर्मा की इस रिपोर्ट में राना पर इस घटना को छुपाने का आरोप लगाया गया है। सिन्हा का कहना है कि ये राष्ट्र सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिसे रिकॉर्ड में रखकर अच्छे से जांच करनी चाहिए थी।