रुझानो मैं ही जीत सही पर इस अप्रत्याशित जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली का इतिहास बदल दिया है I पार्टी और इसके कार्यकर्ता जश्न के मोहोल मैं मैं है , इनके पटेल नगर स्थित दफ्तर मैं लोग नाच भी रहे है I
पर इस सब के साथ ही पहली बार आप के जश्न से तिरंगा गायब है जी हाँ इस बात इसके सजावट मैं लगे गुबारों मैं सिर्फ हर और सफ़ेद रंग रह गया है(देखे फोटो ) , ये आम आदमी पार्टी के आने वाले दिनों की राजनीती का इशारा कर रही है
यूँ तो इस जीत के बाद आम आदमी पार्टी के सामने चुनोतिया कम नहीं होंगी , पर तिरेंगे को इस तरीके से इग्नोर कर एक अजीब अनुभव और कई सवाल भी छोड़ जाता हैI
क्या आम आदमी पार्टी सैफ्रोन कलर से पीछा छुड़ा रही है ?
क्या आम आदमी पार्टी तिरेंगे की जगह सिर्फ हरे और सफ़ेद को ही अपनाने जा रही है ?
क्या आम आदमी पार्टी भी उसी सेकुलरिस्म की तरफ बढ़ रही है जिसे हम देखते आ रहे है