दिल्ली में शानदार जीत दर्ज करने के बाद अरविंद केजरीवाल जब जनता के सामने आए तो उन्होंने बेहद सधे हुए अंदाज में अपने समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने सचमुच कमाल कर दिया। ये सच्चाई की जीत है। आज के परिणाम वाकई अद्भुत हैं। मैं दिल्ली जनता को सलाम करता हूं।
बधाई के बाद केजरीवाल ने जीत के उत्साह को नियंत्रित करने की भी कोशिश की। उन्होंने अपने समर्थको को हिदायत दी कि इस जीत के बाद उनमें घमंड नहीं आना चाहिए।
हालांकि इस मौके पर अप्रत्यक्ष ही सही लेकिन बीजेपी और कांग्रेस पार्टी को भी साधने से वह चूके नहीं। उन्होंने कहा कि अहंकार ने ही कांग्रेस का ऐसा हाल किया और यह अहंकार ही है जिसने भारतीय जनता पार्टी को यहां पहुंचा दिया।
केजरीवाल ने कहा कि अगर हमने भी ऐसा किया, तो जनता पांच साल बाद हमें भी ऐसा ही सबक सिखाएगी। जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर जतना से अपना डर भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा बहुमत दिल्ली ने हमें दिया है। लेकिन अंदर एक डर भी लग रहा है।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में जीत के बाद मोदी सबसे पहले अपनी मां का आशीर्वाद लेने अहमदाबाद गए थे जबकि, अप्रत्याशित सफलता के बाद पहली बार केजरीवाल अपनी पत्नी के साथ सार्वजनिक मंच पर दिखाई दिए। इसी के साथ पहली बार केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से अपने पिता को भी रूबरू करवाया।
उन्होंने कहा कि ये मेरी पत्नी हैं, ये कभी सामने नहीं आतीं, क्योंकि ये सरकारी दफ्तर में काम करती हैं। डर लगा रहता है कि सामने आने पर सरकार कोई एक्शन न ले ले।
उन्होंने कहा कि आज मैं इन्हें खींच के ले आया मैंने कहा चलो सरकार कुछ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पत्नी न होती तो इतना बड़ा आंदोलन संभव नहीं हो पाता। साथ ही उन्होंने अपने पिता को भी इंट्रोड्यूज किया और उनके आशीर्वाद को अपनी प्रेरणा बताया।
दिल्ली में शानदार जीत दर्ज करने के बाद अरविंद केजरीवाल एक अन्य बात कर चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह 15 फरवरी के बजाय 14 फरवरी को ही शपथ लेंगे।