सरसंघचालक मोहन भागवत के इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि मदर टेरेसा पवित्र आत्मा थी। उन्हें ऐसे विवादों से अलग रखना चाहिए।
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने मदर टेरेसा के साथ उनके कोलकाता स्थित निर्मल हृदय आश्रम में काम किया है। वो पवित्र आत्मा हैं। उन्हें छोड़ देना चाहिए।
भागवत ने नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा को लेकर भी टिप्पणी की। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उनके यहां सेवा अच्छी होती होगी, लेकिन वहां भी इसके पीछे एक उद्देश्य रहता था कि जिसकी सेवा हो रही है, वह इसाई धर्म ग्रहण कर ले।
निराश्रित बच्चों के लिए भरतपुर में संचालित एक संस्था अपना घर के नए भवन के लोकार्पण समारोह में भागवत ने कहा कि सेवा के नाम पर नए तरह का षडयंत्र सामने आ रहा है। देश के अपने लोग अपनों की सेवा नहीं कर रहे, इसलिए बाहर के लोग यहां आकर सेवा कर रहे हैं।