भारत के प्लैनिंग कमिशन का नाम अब नीति आयोग होगा। यह नाम कमिशन को नया रूप देने के मोदी सरकार के प्रयास का हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा था कि योजना आयोग की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है। सूत्रों के अनुसार, कमिशन के आधिकारिक नाम में योजना (प्लैनिंग) की जगह नीति (पॉलिसी) करने का प्रावधान नई प्लैनिंग बॉडी के लिए गुरुवार को लाए जाने वाले प्रस्ताव का हिस्सा होगा।
इसी महीने प्रधानमंत्री ने सोवियत ढर्रे पर आधारित योजना आयोग को एक ‘टीम इंडिया’ कॉन्सैप्ट आधारित बॉडी में बदलने को लेकर मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी। जानकारी के मुताबिक, पुराने योजना आयोग की तरह नीति आयोग के अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री ही होंगे। उपाध्यक्ष का नाम भी वही तय करेंगे। आयोग के 5 स्थायी और 2 अस्थायी सदस्य होंगे। आयोग में 1 चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) और नैशनल काउंसिल होगी। 4 सदस्य कैबिनेट मंत्री की तरह होंगे। नीति आयोग (Niti Ayog) का पूरा नाम National Institute of Transforming India होगा।
अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में मोदी ने संकेत दिए थे कि 64 साल पुराने योजना आयोग की प्रांसगिकता समाप्त हो गई है। बाद में उन्होंने नई प्लैनिंग बॉडी को के रूप को लेकर ट्विटर पर लोगों से राय मांगी थी। योजना आयोग की शुरुआत पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय 1950 में की गई थी। योजना आयोग का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए विकास का रोडमैप तैयार करना था।
योजना आयोग को खत्म करने के मोदी के प्रयास का कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया था। कांग्रेस ने इसे ‘अदूरदर्शी’ और ‘खतरनाक’ कदम करार दिया था।