घर वापसी’ जैसे विवादित मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बात की है, ताकि संघ परिवार के सदस्यों के आक्रामक रवैये पर लगाम लगाई जा सके।
ईटी में छपी खबर के मुताबिक नाम न लिए जाने की शर्त पर आरएसएस और बीजेपी के कुछ नेताओं ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोहन भागवत को दो प्रमुख संदेश भेजे हैं।
नरेन्द्र मोदी का पहला संदेश यह है कि वह सिर्फ संघ के प्रमुख मोहन भागवत से ही बात करेंगे, न कि संघ के अन्य किसी नेता से। इससे पहले एनडीए सरकार में ऐसा नहीं होता था।अटल बिहारी के प्रधानमंत्री बनने पर उनकी संघ के अन्य लोगों से भी बात हुआ करती थी, न कि सिर्फ आरएसएस प्रमुख से, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इस परंपरा को भी तोड़ दिया है।
देखा जाए तो इस तरह से नरेन्द्र मोदी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को यह संदेश दे रहे हैं कि वह सरकार अपने तरीके से चलाना चाहते हैं।
इनका दूसरा संदेश है कि यह संघ की जिम्मेदारी है कि वह केन्द्र में ऐसा माहौल बनाए रखे, जिससे बीजेपी के बहुमत वाली सरकार अपने वादों के अनुसार विकास के काम कर सके।आरएसएस के एक नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आरएसएस के प्रचार प्रसार करने वाले राजेश्वर सिंह को उनके पद से हटाना भी इस बात का संकेत है कि अब आरएसएस अपने फैसले पर फिर से विचार कर रही है।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के गवर्नर राम नाईक ने भी यह कहा है कि विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और राम मन्दिर का फैसला अदालत को करने देना चाहिए।